माता-पिता को अनदेखा करके चारों धाम की यात्रा, करोड़ का दान साधना और आराधना भी व्यर्थ है – राष्ट्र संत कमल मुनि जी कमलेश

मुंबई/भायंदर (ओस्तवाल बगीची समता भवन 22 अगस्त 2024) । हर मां चाहती है मेरा बेटा श्रवण कुमार बने । परंतु मेरा पति श्रवण कुमार बने यह भाव क्यों नहीं आते । उक्त विचार राष्ट्र संत कमल मुनि जी कमलेश ने संबोधित करते कहा कि माता नहीं होती तो तीर्थंकर गुरु और महापुरुष कहां से आते हैं ।
उन्होंने कहा कि माता-पिता को अनदेखा करके चारों धाम की यात्रा, करोड़ का दान साधना और आराधना भी व्यर्थ है ।
मुनि कमलेश ने बताया कि सोने के झूले और अपनी चमड़ी के जूते बनाकर माता-पिता को पहना दे तो भी कर्ज से मुक्त नहीं हो सकते ।
राष्ट्रसंत ने बताया कि आपके व्यवहार से माता-पिता के आंखों से दो बूंद गर्म पानी की निकल गई तो हमारा जन्म ही धिक्कार है उसे धार्मिक तो क्या इंसान कहलाने का अधिकार भी नहीं । जैन संत ने बताया कि आध्यात्मिक देश में वृद्ध आश्रम का निर्माण होना कलंक और शर्मनाक घटना है वर्षा जैन के 16 उपवास का पारणा सानंद हुआ। कवि अक्षत मुनि जी के 15 उपवास, दीक्षार्थी अभय जैन के 33वां उपवास है आगे बढ़ाने के भाव है ।