बहन की आंखें छलक गई भाई को सामने पाकर

रतलाम । लंबे समय से घर से निकली मनोरोगी महिला रुक्मणी उम्र 45 वर्ष को समाजसेवी गोविंद काकानी के सतत प्रयासों से उसे लेने उसका भाई जय सिंह, चाचा धर्मां नायक सब इंस्पेक्टर एम डी रफीउद्दीन के साथ रतलाम पहुंचे। आइसोलेशन वार्ड में रुक्मणी से मिलते ही दोनों की आंखों में आंसू छलक गए । पूरे आइसोलेशन वार्ड का वातावरण खुशियों के आंसू से मरीज और परिजनों के आंखों में देखने को मिला । भाई जयसिंह ने बताया कि उनका परिवार ग्राम पसरवाडी दुर्गा माता मंदिर के पास जिला संगारेड्डी, तेलंगाना मैं रहता है ।
10-12 साल पहले रुक्मणी के पति ने उसे छोड़ कर दूसरी शादी कर ली है| वह अपने पिता रामलू एवं मां लक्ष्मी के साथ गांव में भाई श्रीनिवास, विनोद ,देवी सिंह और मेरे साथ रह रही| परिवार में यह दोनों बहने रुक्मणी और लता के साथ सभी भाइयों की भी की शादियां हो चुकी है| लगभग 20 दिन में रुक्मणी पूरे वार्ड की चाहती बन गई । रात्रि विदाई के वक्त वार्ड के मरीजों के परिजन, वार्ड के कर्मचारी, सिस्टर, डॉक्टर एवं समाजसेवी गोविंद काकानी की उपस्थिति में उसे घर के लिए रवाना किया| रवाना होने के पूर्व सिस्टर, वार्ड बॉय द्वारा साड़ी और कपड़े ,काकानी सोशल वेलफेयर फाउंडेशन की ओर से रक्षाबंधन की राखी स्वरूप भेंट राशि व रास्ते के लिए भोजन, अंकित खंडेलवाल द्वारा रतलामी नमकीन, रेलवे रिजर्वेशन विभाग के सहयोग से रिजर्वेशन करवाया गया । परिवार ने सभी का धन्यवाद अदा किया जिला रोगी कल्याण समिति व सदस्य समाजसेवी गोविंद काकानी , काकानी सोशल वेलफेयर फाउंडेशन के सदस्य रत्नेश राठी, दीपक लाठी, जिला संगारेड्डी कलेक्टर , उनके पीए अनिल कुमार गडीला, जिला चिकित्सालय रतलाम के सिविल सर्जन डॉक्टर एम एस सागर व उनकी अस्पताल टीम, पुलिस प्रशासन एवं समाजसेवीयों का हृदय से धन्यवाद अर्पित किया।