लगाये केसरिया छापे, खिलाई चटक मनाया जन्मवाचन महोत्सव

जावरा (अभय सुराणा ) । चल रहे आत्मशुद्धि चातुर्मास के अंतर्गत मनाये जा रहे पर्युषण महापर्व के पांचवे दिन जैन मंदिर पिपली बाजार जावरा पर मुनिराज चन्द्रयश विजयजी, मुनिराज जिनभद्रविजयजी म.सा. की पावन निश्रा में विश्ववंदनीय श्रमण भगवान महावीर स्वामी का जन्म वाचन समारोह बडे ही धूमधाम से मनाया गया। जन्मवाचन समारोह में जन्म के पहले माता त्रिशला द्वारा देखे गये 14 स्वप्न की बोलिया लगाई गई। दोपहर से जन्म वाचन समारोह आरम्भ हुआ और सायं 4.30 बजे सम्पन्न हुआ। जन्म वाचन के बाद पालने में भगवान को झूलाने के लिए कतारबंध लम्बी लाईन लग गई। भगवान को पालने में झूलाने का अपना एक अलग ही महत्व है। सभी लोगों ने आपस में एक दूसरे को बधाई देते हुए श्रीफल की प्रसादी का आदान प्रदान किया। ऐसे शुभ अवसर पर मुनिराज ने भगवान महावीर स्वामी के जन्म वाचन पर बताते हुए कहा कि पूरे विश्व का उद्धार एवं कल्याण करने के लिए जन्म लेने वाले परम प्रभु परमात्मा आध्यात्मिक संपूर्ण सिद्धि को प्राप्त करने के लिए कैसा अद्वितीय एवं अद्भुत व अविरल पुरूषार्थ करते हैं। उसका ज्वलंत उदाहरण है प्रभु महावीर की जीवनी सर्वप्रथम गृहस्थ जीवन के कर्मों का क्षय करने के लिए प्रभु को 30 वर्ष तक गृहस्थ (संसारी) जीवन गुजारना पडा। प्रभु महावीर राजा सिद्धार्थ के कुल दिवाकर थे। माता त्रिशला के दुलारे थे नंदीवर्द्धन के लघु भ्राता थे। बहन सुदर्शन के वीरा थे। दीक्षा लेने के पहले जब प्रभु महावीर 30 वर्ष तक गृहस्थावास में थे तब उनकी पुण्य प्रभा अद्वितीय थी। अनुकुल स्थिति में आनन्द नहीं और प्रतिकूल स्थिति में खेद नहीं करने वाले प्रभु महावीर सभी संयोगो में उदार भाव रखकर हमेशा कर्मों के नाश लिये उद्यमशील रहते थे। पर्युषण पर्व के अंतर्गत अचिंत्य चिंतामणी कल्पसूत्रा में उल्लेखित भगवान महावीर के जन्म प्रसंग का वाचन करके सम्पूर्ण सार भी सुनाया गया, साथ ही उनके द्वारा दिये गये उपदेशों को जीवन में धारण करने के लिए बताया गया यह पर्व भारत के साथ-साथ विदेशों में बसे जैन धर्मावलंबी भी बडे उत्साह के साथ महोत्सव के रूप में मनाते हैं।
श्रीसंघ के सभी श्रावकों को केसरिया छापे लगाये गये एवं स्वामीवात्सल्य भी आयोजित किया गया। जावरा नगर के सभी जैन मंदिरों पर आकर्षक अंगरचना के साथ मनमोहक सजावट की गई। पिपली बाजार जावरा का जैन मंदिर भारतभर में अपनी एक अलग पहचान में विख्यात है। इस मंदिर में कांच की जो नक्काशी है वह बहुत ही सुंदर और देखने लायक है। आज के दिन विशेष रूप से भक्ति भावना का ऐतिहासिक आयोजन किया गया जिसे जैन संगीतकार चिराग चौपडा एण्ड पार्टी ने संचालित किया।
श्री शंखेश्वर पार्श्वनाथ मंदिर चौपाटी पर जन्म वाचन महोत्सव कल बडे ही धूमधाम से मनाया जावेगा। 240 सिद्धितप आराधकों की अनुमोदना करते हुए मुनिराज ने सभी तपस्वियों को वासक्षेप के माध्यम से आशीर्वाद दिया। शासन माता शक्ति दे रही है और परमात्मा की कृपा आप पर बनी हुई है। अंतिम पारी का यह पाया पूर्णता की ओर अग्रसर है। दिनांक 8 व 9 सितंबर को होने वाले विजय तिलक समारोह पारणा महोत्सव की विशाल स्तर पर तैयारिया जोरो पर चल रही है क्योंकि जावरा की धन्य धरा पर एक भव्य ऐतिहासिक आयोजन होने वाला है। इस अवसर पर श्रीसंघ अध्यक्ष अशोक लुक्कड, चातुर्मास समिति अध्यक्ष धरमचंद चपडोद, विनोद बरमेचा, पारस ओस्तवाल, राजेश बरमेचा, अभय चौपडा, अजय सकलेचा, बाबुलाल खेमसरा, चंदनमल कोठारी, मुकेश मेहता, समरथमल लोढा, कमल नाहटा, देवेन्द्र मूणत, अनिल संघवी, रमणीक कांकरिया, कांतिलाल कांकरिया, शैतानमल दुग्गड,महेन्द्र ओरा, मनोहर नाहटा, सुशील संघवी, सुभाष डुंगरवाल, प्रवीण नवकार, विमल सिसौदिया, भंवरलाल आंचलिया, अनिल चौपडा, लोकेन्द्र मेहता, सुरेन्द्र सुराणा, सचिन संघवी, जितेन्द्र संचेती, दीपकराज चंडालिया, विशाल ओरा, ऋषभ पटवा, विजय धारीवाल, राहुल चपडोद, विजय संघवी, मनोज मेहता, यश छाजेड, अर्पित चत्तर एडवोकेट, मितेष करनावट, विकास मेहता, राजेष संघवी, मोहित चपडोद, कमल चौरडिया, राजेश लोढा, महेन्द्र पोखरना, विशाल जैन, संजय सकलेचा, राहुल भण्डारी, संजय मेहता, मोतीलाल चपडोद, शरद डुंगरवाल, कांतिलाल ओरा, रमेश संघवी, महेन्द्र समन्द्रिया, उमेश माण्डोत, संजय भण्डारी, रमेश समन्द्रिया, श्रीपाल ललवानी के साथ श्रीसंघ के श्रावक श्राविकाएं उपस्थित रहे। उक्त जानकारी मीडिया प्रभारी शिखर धारीवाल व वीरेन्द्र सेठिया ने दी।