अवयस्क बालिका का लैगिंक शोषण करने वाले आरोपी को 20 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 5000 रुपये से अर्थदंड से दंडित किया गया

पीड़िता के द्वारा बयान से मुकरने के पश्चात् भी अपराध मेडिकली एवं डीएनए साक्ष्य से प्रमाणित हुआ

आलोट। न्यायालय संदीप कुमार सोनी माननीय अपर जिला एवं सत्र न्यायालय आलोट जिला रतलाम के द्वारा अपने निर्णय दिनांक 04.09.2024 को अभियुक्त विजय पिता हीरालाल आयु 19 वर्ष निवासी थाना अतंर्गत ताल जिला रतलाम को धारा 376(3) भादवि में 20 वर्ष सश्रम कारावास व 5000 रुपये जुर्माना का अर्थदण्ड से दण्डित किया गया।
प्रकरण के पैरवीकर्ता विशेष लोक अभियोजक हेमेन्द्र कुमार गोयल ने बताया कि दिनांक 17.12.2020 को अवयस्क पीड़िता ने पुलिस थाना ताल पर उपस्थित होकर रिपोर्ट लेखबद्ध करायी कि, 16.12.2020 को दोपहर के करीब 02ः30 बजे जब वह घर पर अकेली थी तभी आरोपी विजय 10 रुपये का दूध लेने उसके घर पर आया तो उसने कहा कि दूध नही है तभी आरोपी विजय घर के अंदर घुस गया ओर जान से मारने की धमकी देकर जबरदस्ती उसके साथ लैंगिक कृत्य किया तो वह चिल्लाई तो उसके चाचा आ गए और उन्होने आरोपी को पकड़ लिया तो आरोपी धक्का देकर भाग गया फिर घटना की जानकारी चाचा व माता पिता को बताई और फिर माता पिता के साथ थाने पर आकर घटना की रिपोर्ट की।
पीड़िता द्वारा बताई गई उक्त घटना पर से पुलिस थाना ताल के अपराध क्रं. 457/2020 पर धारा 376(3),450,506 भादवि का प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। विवेचना के दौरान आवश्यक साक्ष्य संकलित कर पीड़िता का एवं आरोपी को गिरफ्तार कर उसका भी मेडिकल परीक्षण करवाया जाकर एवं ब्लड सैम्पल लिया जाकर डीएनए जाॅच करवाई जाकर डीएनए रिपोर्ट एवं मेडिकल दस्तावेज प्राप्त कर अनुसंधान उपरांत अभियोग पत्र दिनांक 19.03.2021 को माननीय विशेष न्यायालय प्रस्तुत किया गया।
माननीय न्यायालय में विचारण के दौरान पीड़िता द्वारा अपने कथनो से मुकरते हुए घटना का समर्थन नही किया। प्रकरण में अभियोजन की ओर से मेडिकल साक्ष्य एवं डीएनए रिपोर्ट को प्रमाणित करवाया गया। इस प्रकार मेडिकल साक्ष्य एवं डीएनए रिपोर्ट को प्रमाणित मानते हुए आरोपी विजय को दोषसिद्ध किया गया। प्रकरण में शासन की ओर से सफल पैरवी विशेष लोक अभियोजक हेमेन्द्र कुमार गोयल द्वारा कि गई।