खाचरौद । पर्युषण महापर्व के अंर्तगत गुरु भक्त मंडल द्वारा खाचरौद नगर के जैन मांगलिक भवन परिसर में वृहद काव्य समागम का आयोजन किया गया। जिसमें प्रतिष्ठित कवियों ने भगवान महावीर के जीवन दर्शन एवं सामाजिक विषयों पर काव्यात्मक अभिव्यक्ति से सदन की प्रशंसा बटोरी। इस अवसर पर जैन समाज के वरिष्ठ जन, महिला व युवा वर्ग सहित नगर के साहित्य प्रेमी श्रोता उपस्थित थे। विशिष्ठ अतिथि स्थानीय स्थानकवासी जैन संघ के अध्यक्ष मनोहरलाल भटेवरा थे।
आयोजक संस्था अध्यक्ष हर्षित चौरड़िया (एडवोकेट) ने स्वागत भाषण देते हुए कहा कि गुरु भक्त मंडल वर्षभर जीवदया, मानवसेवा एवं संस्कार जागृति के कार्य दानदाताओं के सहयोग से करता हैं। वर्तमान वर्ष 2024 भगवान महावीर स्वामी का 2550 वा निर्वाण वर्ष होने से खास महत्व रखता है। उनके जीवन मूल्यों को जन जन से परिचित कराने के पावन उद्देश्य के यह साहित्यिक सम्मेलन संयोजित किया गया है। इसमें नगर के बुद्धिजीवी श्रोताओं की उपस्थिति से आयोजन सार्थक हुआ है।
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित राष्ट्रीय कवि नारायण ‘निडर’ ने सम्मेलन का रासपूर्ण संचालन किया। कवि राजेन्द्र कांठेड ‘राज’ ने मालवी बोली के गीत से अपनी व्यंगात्मक शैली में समाज की दशा पर चित की। छंदकार सुंदरलाल जोशी ‘सूरज’ ने श्रृंगार रस के मुक्तकों पर बहुत दाद बटोरी। वीर रस के कवि सुग्रीव ‘गोरखपुरी’ ने अपनी विशिष्ट शैली से सदन को देशभक्ति के रंग में रंग दिया। कवि धर्मेन्द्र बंम ‘धैर्य’ ने सरस्वती वंदना के साथ ‘णमोकार महामंत्र’ पर काव्यपाठ किया। युवा कवि कल्पेश वाघ ने सामाजिक विषयों पर सुंदर गजल प्रस्तुती से माहौल बांध कर रखा। गीतकार लोकेश जैन ‘सरगम’ ने अपने मधुर गीत की ताल में सभी को जोड़ लिया। अंत में हर्षित चौरड़िया ने अपनी मार्मिक कविता से आचार्य उमेशमुनिजी के महाप्रयाण की स्मृति जीवंत कर दी।
आभार प्रदर्शन करते हुए ग्रुप सचिव CA अंकुर जैन ने कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए सभी कार्यकर्ताओं एवं आगंतुकों को धन्यवाद प्रेषित किया। आमंत्रित कवियों का स्वागत ग्रुप सदस्यों द्वारा प्रशस्ति पत्र भेंट व माल्यार्पण कर किया गया।