55 विद्यार्थियों को सिल्वर मेडल तथा 42 विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति प्रदान की गई

ब्राह्मण समाज छात्रवृत्ति एवं आर्थिक सहायता न्यास रतलाम द्वारा छात्रवृत्ति वितरण एवं प्रतिभा सम्मान समारोह

रतलाम । संकल्प लेना बहुत अच्छी बात है बड़े से बड़ा संकल्प लीजिए, कोई आड़े नहीं आता । सफलता दूर रहती है अभिमान से, इसका कभी अहंकार ना करो, गिर कर भी उठ जाओ खुद को इतना तैयार करों । उक्त बात पद्मश्री डॉ. लीला जोशी ने ब्राह्मण समाज छात्रवृत्ति एवं आर्थिक सहायता न्यास रतलाम द्वारा छात्रवृत्ति वितरण एवं प्रतिभा सम्मान समारोह को सम्बोधित करते हुए कहीं । विद्यार्थियों को आशीर्वाद एवं शुभकामना देते हुए आपने आगे कहा कि माता-पिता अपने बच्चों से दूरियां नहीं बनाएं बल्कि उनसे दोस्तों की तरह व्यवहार करें । आज 90% माता-पिता को शायद यह पता नहीं होता कि बच्चा घर से बाहर जाकर क्या करता है ? बच्चों की भी अपनी समस्या होती है । उन समस्या को पेरेंट्स को सुनना चाहिए और बच्चों को सही मार्गदर्शन देना चाहिए ।
कार्यक्रम का प्रारम्भ में अतिथियों द्वारा माँ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्ज्वलन कर किया । इसके पश्चात न्यास अध्यक्ष अमर सारस्वत ने छात्रवृत्ति एवं आर्थिक सहायता न्यास तथा प्रतिभा सम्मान के बारे में विस्तृत जानकारी दी तथा बताया कि ब्राह्मण समाज के छात्र- छात्राएं जो कक्षा 9 वीं से लेकर महाविद्यालयीन कक्षाओं में अध्ययनरत है उनको छात्रवृत्ति हेतु राशी न्यास में आवेदन करने पर प्रदान की जाती है । साथ ही वर्ष 2024 की हाई स्कूल एवं हाई सेकेंडरी विद्यालयीन एवं महाविद्यालयीन अंतिम परीक्षा में 80% या 8.0 जीपीएस प्राप्त सभी विद्यार्थियों को रजत पदक एवं प्रावीण्य प्रमाण पत्र से सम्मानित किया जाता है । इसी के तहत आज मुख्य अतिथि पद्मश्री डॉ. लीला जोशी द्वारा 55 विद्यार्थियों को सिल्वर मेडल देकर सम्मानित किया गया तथा 42 विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति प्रदान की गई ।
कार्यक्रम में उपाध्यक्ष शरद चतुर्वेदी, सचिव अनुराग लोखंडे, कोषाध्यक्ष सत्येन्द्र जोशी, प्रमीला सारस्वत, सुरेश दवे, राजेश तिवारी (एसबीआई), गायत्री तिवारी आदि का सराहनीय योगदान रहा । कार्यक्रम का संचालन विनिता ओझा एवं आभार सचिव अनुराग लोखंडे ने माना ।  कार्यक्रम के अंत में अतिथियों एवं उपस्थित गणमान्य जनों द्वारा न्यास के न्यासी डॉ. डी.एन. पचौरी के निधन पर दो मिनिट का मौन रखकर उनको श्रद्धांजलि अर्पित की गई ।