जोधपुर । सदभावना पूर्वक किया गया सत्कार्य ही आत्मा के लिए अमृत से भी बढ़कर है जिसे पीकर मर के भी दुनिया में अमर हो जाता है उक्त विचार राष्ट्र संत कमलमुनि कमलेश ने जैन दिवाकर गुरुदेव चौथमल जी महाराज साहब की जन्म जयंती पर महावीर भवन निंबाज की हवेली में संबोधित करते कहा कि निजी स्वार्थ के लिए काम करने वाला जीवन पशु के समान है और परमार्थ के लिए जीने वाला देव तुल्य होता है । उन्होंने कहा कि अपमान के कड़वे घूंट पीकर निस्वार्थ के कामों में निरंतर लगा रहता है वह दुर्लभ आत्मा ही सच्ची धार्मिक है ।मुनि कमलेश ने स्पष्ट कहा कि जाति वैभव पद प्रतिष्ठा क्षणिक चमक आकाश में चमकने वाली बिजली के समान है इनके सहारे संसार में ना कोई बड़ा हुआ है ना होगा।
राष्ट्रसंत ने कहा कि राणा प्रताप का चेतक घोड़ा पशु होकर भी अपने प्राणों की परवाह न करते हुए परमार्थ के लिए समर्पित हुआ पूरे विश्व में अमर हो गया जो कुछ नहीं करता वह तो जिंदा भी मुर्दे के समान है । जैन संत ने कहा कि जैन दिवाकर गुरुदेव चौथमल जी महाराज की जयंती के उपलक्ष में श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ महावीर भवन जोधपुर की ओर से कोरोनावायरस के संकट काल को देखते हुए गोसेवा और जीव दया के लिए करीब 11 लाख की राशि समर्पित की गई अध्यक्ष सुकन राज धारीवाल मंत्री सुनील चोपड़ा ने उक्त जानकारी दी अखिल भारतीय जैन दिवाकर व विचार मंच नई दिल्ली शाखा जोधपुर के अध्यक्ष विशाल मेहता ने संघ को बधाई दी दिवाकर जयंती का साप्ताहिक कार्यक्रम चालू है।