स्वर्ण नगरी नेत्रदान नगरी हुई 3 घंटे में 3 नेत्रदान हुए

रतलाम । जीवन मे रहने के दौरान मानव सेवा करना और जीवन से चले जाने के बाद भी सेवा कार्य करने वाले बड़े ही विरले मिलते है ऐसे ही लोगो में शहर के तीन परिवारों ने आदर्श उदाहरण पेश किया।
शहर के स्टेशन रोड निवासी समाजसेवी राधावल्लभ खंडेलवाल के निधन पर मुकेश खंडेलवाल, ओमप्रकाश अग्रवाल की प्रेरणा से परिजनों ने नेत्रदान की सहमति प्रदान की
दूसरा नेत्रदान तेजानगर निवासी ज्ञानचंद गुगलिया के सुपुत्र राजेश गुगलिया की दुर्घटना में मृत्यु हो जाने पर हेमंत कोठारी अभिषेक कोठारी, अर्पित कोठारी जय कोठारी सिद्दार्थ मेहता की प्रेरणा से परिजनों ने नेत्रदान की सहमति प्रदान की ।
तीसरा नेत्रदान लक्कड़ पीठा निवासी कथावाचक अनिरुद्ध मुरारी की माता श्रीमती लक्ष्मी देवी के निधन पर गिरधारी लाल वर्धानी, शीतल भंसाली की प्रेरणा से परिजनों ने नेत्रदान करने की सहमति दी।
नेत्रम संस्था के सक्रिय सदस्य हेमन्त मूणत द्वारा बताया गया कि तीनो नेत्रदान की स्वकृति मिलते ही संस्था द्वारा मेडिकल कालेज रतलाम की डीन अनीता मुथा को सूचित किया गया। जिनके निर्देश पर नेत्र विभाग के विभागाध्यक्ष रिशेन्द्र सिसोदिया के नेतृत्व में नर्सिंग ऑफिसर हैप्पी पीटर , भावना खन्ना द्वारा प्रहलाद गेहलोत के सहयोग से नेत्रदान (कार्निया) लेने की प्रक्रिया को पूर्ण कर सफल नेत्रदान करवाया । तीनो नेत्रदान के लिए समाजसेवी शीतल भंसाली अपने निजी वाहन से मेडिकल कालेज पहुंचे और वहां से टीम को लेकर मृतक के निवास स्थान पर पंहुचे और नेत्रदान होने के पश्चात पुन: टीम को मेडिकल कालेज छोड़ा नेत्रदान के दौरान – नेत्रम परिवार के हेमन्त मूणत, ओमप्रकाश अग्रवाल, भगवान ढालवानी, नवनीत मेहता, गिरधारी लाल वर्धानी,शीतल भंसाली, मीनु माथुर, शलभ अग्रवाल, गोपल पतरा वाला, सुरेश पाटीदार, राखी व्यास उपिस्थत थे । नेत्रम परिवार ने सभी नेत्रदानी परिवारों के प्रति कृतज्ञता प्रगट करते हुए आभार व्यक्त किया ।

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