दम्पति सहित चार ने ओर लिया देहदान का प्रण
जावरा (अभय सुराणा)। मृत्यु उपरांत देहदान का आपका संकल्प बहुत ही सराहनीय है। आपके इस निर्णय से समाज के अन्य महानुभाव भी निश्चित ही प्रेरित होंगे। संस्था संजीवनी आपके इस कदम की मुक्तकंठ से प्रशंसा कर आपकी बहुत-बहुत अनुमोदना करती है। उक्त विचार मानव सेवा में सदा अग्रणी नगर की सेवा संस्था संजीवनी के संस्थापक अध्यक्ष यश जैन ने व्यक्त किए। श्री जैन ने मंगलवार को स्टेशन रोड़ निवासी दधीचि श्री गिरिराज उपाध्याय को एनाटामी विभाग शासकीय स्वशासी चिकित्सा महाविद्यालय रतलाम द्वारा प्रदत्त देहदान का संकल्प पत्र सौंपते हुए कहा कि संस्था संजीवनी के प्रयासों का ही प्रतिफल है कि अभी तक 17 लोगों ने स्वेच्छा से आगे आकर संस्था के माध्यम से मृत्यु के बाद स्वयं की देह दान करने की घोषणा करने का संकल्प लिया। इस कड़ी में बजाजखाना निवासी श्री राजेश बोरदिया व उनकी धर्मपत्नी श्रीमति विनय बोरदिया, पिपलौदा निवासी श्री रमेशचंद्र बावेल ने भी संजीवनी से जुड़कर मृत्यु पश्चात शरीर को मेडिकल कॉलेज हेतु दान देने का फैसला किया। श्री जैन ने बताया कि संजीवनी मानवहित में सतत प्रयासरत है। अल्प समय में ही इसने जनहित में उल्लेखनीय कार्य करते हुए अपनी पहचान स्थापित की है। इससे पहले संस्था सदस्यों ने श्री उपाध्याय का शाल ओढ़ाकर व मोतियों की माला पहनाकर सम्मान किया। श्री जैन के अनुसार शीघ्र ही शेष दधीचियों से सम्पर्क कर उनका भी इसी प्रकार अभिनन्दन कर संकल्प पत्र प्रदान किए जाएंगे। इस अवसर पर अध्यक्ष यश जैन एडवोकेट, संस्था सदस्य विपिन बरैया, पुनीत जैन, सोनू छाजेड़ व किशोर विजवा आदि उपस्थित रहे।