प्लास्टिक वेस्‍ट के प्रबंधन की चिंता करें उत्‍पादक – कैबिनेट मंत्री चेतन्य काश्यप

सीपेट में प्‍लास्‍ट पेक 2025 का प्रमोशनल इवेंट

रतलाम । एमएसएमई मंत्री चेतन्‍य कुमार काश्‍यप ने प्लास्टिक उत्‍पादकों का आव्‍हवान किया कि वे प्लास्टिक प्रोडक्ट के प्रबंधन की चिंता करें। यदि अभी इस पर ध्यान नही दिया गया तो आने वाले 50 सालों में इसे संभालना मुश्किल होगा।
मंत्री श्री काश्‍यप विगत दिवस गोविंदपुरा स्थित सिपेट (सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ पेट्रोकेमिकल्स इंजीनियरिंग एण्‍ड टेक्‍नोलॉजी) परिसर में आयोजित ”प्‍लास्‍ट पेक 2025” के प्रमोशनल इवेंट (प्रचार कार्यक्रम) को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे।
उन्‍होंने बीना रिफाइनरी के समीप प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी द्वारा किये गये पेट्रो केमिकल्स कॉम्‍प्‍लेक्‍स के भूमि पूजन का उल्लेख करते हुए कहा कि वहां भविष्य में प्लास्टिक की इंडस्ट्रियां लगेगी एवं उत्पादन भी बढेगा। अभी तक हम प्लास्टिक और पेट्रो केमिकल्स के क्षेत्र में गुजरात और तमिलनाडु की तरफ देखते थे, लेकिन अब मध्‍यप्रदेश भी बडे केन्द्र के रूप में उभर रहा है।
मंत्री श्री काश्‍यप ने सिपेट की इंदौर में यूनिट स्थापित करने के बारे में कहा कि उनके सामने यह विषय आया है। चुनावी व्यस्तता के कारण इस पर विचार नहीं हो सका है। अभी भोपाल और ग्वालियर में सिपेट की इकाइयां हैं। बजट के अभाव में इनके भी कुछ काम शेष रह गये है। इस दिशा में शीघ्र कार्रवाई करेंगे।
इंडियन प्‍लास्‍ट पेक फोरम की तरफ से मंत्री श्री काश्‍यप को एक ज्ञापन सौंपा गया जिसमें प्लास्टिक इंडस्‍ट्री को नेशनल बिल्डिंग कोड-2016-4 (फायर सेफ्टी) के पालन से छूट देने की मांग की गई है। उनका कहना है कि इंडस्ट्रियल एक्ट में फायर सेफ्टी के पहले से प्रावधान है, इसलिये नगरीय निकायों से अनापत्ति प्रमाण-पत्र लेने की आवश्यकता नहीं है।

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