हम इन्हें संवारें तो ये हमारे भविष्य को संवारेंगे

‘सुनें सुनाएं’ के 28 वें सोपान में बच्चों ने किया रचनापाठ

रतलाम। यह शहर की नई रचनात्मक पीढ़ी है। इनको यदि हम सवांरेंगे , प्रोत्साहित करेंगे तो कल ये ही हमारे शहर के साहित्य , संस्कृति को सहारा देंगे और आगे बढ़ाएंगे । इन्हें आगे बढ़ाने और इनकी रुचि साहित्य और कला में बरकरार रखने की ज़िम्मेदारी हम सभी की है। उक्त विचार ‘सुनें सुनाएं’ के 28 वें सोपान में उभर कर सामने आए। नए वर्ष के पहले माह में जी.डी.अंकलेसरिया रोटरी हाल रतलाम पर आयोजित कार्यक्रम में शहर की 20 बाल प्रतिभाओं ने अपनी पसंद के रचनाकारों की रचनाएं पढ़ीं।
इस दौरान काव्या व्यास ने डॉ. हरिवंश राय बच्चन की रचना ‘काला कौआ’ , चहक शर्मा ने प्रकाश मनु की रचना ‘ऐसा तोता पाला जी’, प्रविज्ञ चौरड़िया ने ‘बसन्त की बहार’, दिव्यांशी दीक्षित ने सुभद्रा कुमारी चौहान की रचना ‘यह कदम्ब का पेड़’, मेघा राजपुरोहित ने डॉ. जयकुमार ‘जलज’ की रचना ‘एक जतन और’, अर्थ दशोत्तर ने सर्वेश्वर दयाल सक्सेना की रचना ‘थोड़ी धरती पाऊं ‘ , हमज़ा ख़ान ने चंद अशआर पेश किए। गोपिका बैरागी ने आनंद परम की रचना ‘कोशिश कर’, ख़ुशी तिवारी ने डॉ. शिवमंगल सिंह ‘सुमन’ की रचना ‘ हम पंछी इक डाल के ‘ , इफरा अंसारी ने सिद्दीक़ रतलामी की रचना ‘क्या हंसीं दिन ‘ पार्थ पाठक ने अटल बिहारी वाजपेयी की रचना ‘क़दम मिलाकर चलना होगा ‘ , हर्षी तिवारी ने ‘ऊं भूर्भुव स्व: – गायत्री मंत्र’ , नवप्रताप सिंह सिसोदिया ने ‘नन्हा पौधा ‘ , ध्वनि डोडिया ने ‘बात करोगे सच्ची – सच्ची’, मिहित गांधी ने सोहनलाल द्विवेदी की रचना ‘लहरों से डरकर नौका ‘ , अबीर पाठक ‘हमारी धरती ‘ , आद्रिका जोशी ने ‘देवी स्तुति’ , गुलफिशा अंसारी ने सिद्दीक़ रतलामी की रचना ‘अगर तुम हो पत्थर’,
मोक्षित गांधी ने डॉ.शिवमंगल सिंह ‘सुमन’ की रचना ‘हम पंछी उन्मुक्त गगन के’ और भूमिका निनामा ने हुल्लड़ मुरादाबादी की रचना ‘अच्छा है पर कभी-कभी ‘ का पाठ किया । बच्चों के प्रभावी पाठ की सभी ने मुक्तकंठ से प्रशंसा की और अपनी ओर से उपहार भी दिए।
‘जलज’ स्मृति कविता प्रतियोगिता के पुरस्कार वितरित
रचना पाठ के उपरांत डॉ.जयकुमार ‘जलज’ स्मृति कविता प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कृत किया गया। जलज जी की पुत्रियों श्रीमती श्रद्धा पदम घाटे एवं श्रीमती स्मिता निर्मल हुम्बड़ द्वारा आयोजित ” डॉ.जयकुमार ‘जलज’ स्मृति कविता प्रतियोगिता” में विजेताओं को पुरस्कृत करते हुए डॉ मुरलीधर चांदनीवाला ने कहा कि यह जलज जी की मंशा को आगे बढ़ाने वाला कार्य है जो शहर की रचनात्मकता में वृद्धि करेगा। स्पर्धा में प्रथम पुरस्कार शासकीय महाविद्यालय बाजना की कु. पायल राठौर , द्वितीय पुरस्कार शासकीय महाविद्यालय बाजना की कु. संजना राठौर, तृतीय पुरस्कार शासकीय कन्या महाविद्यालय रतलाम की कु. भाग्यश्री प्रजापत को दिया गया । प्रोत्साहन पुरस्कार शासकीय महाविद्यालय बाजना की कु. मनीषा डामर तथा कन्या महाविद्यालय रतलाम की कु. हारिल राही को प्रदान किया गया । प्रथम पुरस्कार 3100 रुपए, द्वितीय पुरस्ककार 2100 रुपए , तृतीय पुरस्कार 1500 रुपए, चतुर्थ पुरस्कार 1100 रुपए एवं पांचवां पुरस्कार 1100 रुपए का दिया गया। इसके साथ ही स्पर्धा में सहभागिता करने वाले सभी विद्यार्थियों को सहभागिता प्रमाण पत्र प्रदान किए गए। डॉ. सुनीता श्रीमाल, डॉ. स्वर्णलता ठन्ना ने जलज जी पर विचार व्यक्त किए। कविताओं का मूल्यांकन देश के प्रसिद्ध कवि प्रदीप मिश्र (इंदौर), नीलोत्पल (उज्जैन) एवं डॉ . किसलय पंचोली (इंदौर) द्वारा किया गया था।
डॉ चांदनीवाला की पुस्तक का विमोचन किया
इस अवसर पर वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. मुरलीधर चांदनीवाला की पुस्तक ‘ शांति के टापू पर समुद्र का मंगलगान ‘ का विमोचन प्रख्यात चित्रकार महावीर वर्मा ने किया। साथ आशीष दशोत्तर के कविता कैलेंडर का भी विमोचन एवं वितरण किया गया।
इनकी उपस्थिति रही
आयोजन में डा लीला जोशी, प्रो.रतन चौहान, डॉ अभय पाठक, डॉ सुरेश कटारिया, ओमप्रकाश मिश्र, डॉ दीप व्यास, सुभाष जैन, डॉ पदम घाटे, नरेंद्र सिंह पंवार , संजय परसाई ‘सरल’, रीता दीक्षित, स्मितादीक्षित ,आयुष्मान देसाई ,इंदु सिन्हा , निवेदिता देसाई ,रजनी व्यास , आदिति पाठक, अनुषा डोडिया , डिंपल सिसोदिया , गंगा निनामा, अभिषेक व्यास , विनोद संघवी , श्रेणिक बाफना , राजेश मूणत, आई.एल. पुरोहित , अनीस मोहम्मद खान , राधेश्याम शर्मा , अक्षय सिंह ,जीएस खींची , कीर्ति कुमार शर्मा , जितेंद्र सिंह पथिक, कमलेश बैरागी, सिद्धार्थ जोशी, ग़ज़ल जोशी , गजेंद्र सिंह चौहान , विजय सिंह रघुवंशी , मणिलाल पोरवाल, ललित चौरडिया, प्रदीप श्रीमाल, अशोक कुमार शर्मा ,पंडित मुस्तफा आरिफ , राजेंद्र चौधरी , डॉ गोविंद प्रसाद डबकरा , प्रेमलता डबकरा , डॉ गायत्री तिवारी, अर्चना जोशी , मीनाक्षी मलिक , कल्पना सुरोलिया , आशा श्रीवास्तव , विभा राठौर , प्रिया लोदवाल, सुभाष जोशी, डॉ मिलिन गांधी, प्रोफेसर दिनेश राजपुरोहित, दुष्यंत कुमार व्यास , रवि बोथरा , विष्णु बैरागी , महावीर वर्मा , आशीष दशोत्तर सहित सुधिजन मौजूद थे।

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