- किसी महापुरुष की जयंती को यादगार बनाने के लिए स्वर्णिम भारत मंच का अनूठा प्रयास
- युवा संगम कार्यक्रम में होगी रंगारंग संस्कृत प्रस्तुति
- सनातन धर्म में युवाओं की भूमिका” विषय पर दे सकते है भाषण प्रस्तुति
उज्जैन । स्वर्णिम भारत मंच के तत्वावधान में प्रतिवर्ष अनुसार इस वर्ष भी 12 जनवरी को विश्व नायक युवाओं के प्रेरणा स्रोत जन-जन में सनातन धर्म की अलख जगाने वाले भारत ही नहीं अपितु संपूर्ण विश्व में सनातन धर्म का टांका बजाने वाले आध्यात्मिक संत युवाओं के प्रणेता स्वामी विवेकानंद जी की जयंती व राष्ट्रीय युवा दिवस के अवसर पर युवा संगम सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन करने जा रहा है। जिसमें शहर के कलाकारों को घंटाघर चौराहा पर अपने हुनर को दिखाने का अवसर दिया जाएगा । राष्ट्र निर्माण में अनवरत कार्य करने वाले युवाओं को सम्मानित भी किया जाएगा । यह सम्मान प्रतिवर्ष अनुसार इस वर्ष भी वरिष्ठ चित्रकार स्वर्गीय श्री आप भटनागर की स्मृति में शशिराज भटनागर की ओर से प्रदान किया जाएगा ।
स्वर्णिम भारत मंच के अध्यक्ष दिनेश श्रीवास्तव ने जानकारी देते हुए बताया कि वर्ष 2011 में युवा संगम कार्यक्रम की शुरुआत स्वामी विवेकानंद जयंती पर की गई थी तब से निरंतर 12 जनवरी को शाम 6 बजे से यह आयोजन किया जाता है । जिसमें शहर के उभरते हुए कलाकारों को अपने हुनर को दिखाने का मिलता है । साथ ही विभिन्न सेवा कार्य के जुटे हुए युवाओं को सम्मान भी दिया जाएगा । कार्यक्रम को लेकर एक गत दिवस एक बैठक रखी गई जिसमें विचार विमर्श कर तय किया गया कि इस बार स्वामी विवेकानंद जी के जन्म दिन पर 51 किलो मिठाई का केक भी काटा जाए । हालांकि केक जैसी परम्परा सनातन में नहीं है लेकिन वर्तमान दौर में अधिक से अधिक युवाओं को महापुरुषों के आचार विचार से जोड़ने के लिए यह एक कोशिश है मात्र है ।
सनातन धर्म में युवाओं की भूमिका विषय पर भाषण ……..
ऐसे किशोर जिनकी उम्र 17 वर्ष से 22 वर्ष तक की है यदि वे अपना भाषण जिसका विषय ” सनातन धर्म में युवाओं की भूमिका ” बोलना चाहते थे तो अपने भाषण की क्लिपिंग 10 जनवरी तक मोबाइल नंबर 7581888818 पर भेज सकते है । जिसका भाषण अच्छा होगा उसे मंच से प्रस्तुति देने का अवसर मिलेगा ।
तैयारी को लेकर हुई बैठक की अध्यक्षता श्रीमती शशिराज भटनागर ने की । इस अवसर जितेंद्र बैरागी , रूपकिशोर कुलश्रेष्ठ , संजय श्रीवास्तव ,विरेंद्र सिंह ठाकुर , रेखा भार्गव ,राजभूषण श्रीवास्तव , पल्लवी भटनागर , नेहा श्रीवास्तव , चेतना श्रीवास्तव , पिंकी नगम , आशीष अष्ठाना, जितेंद्रसिंह पाल ,ऋषि प्रजापत आदि ने अपने सुझाव दिए । आभार चेतन श्रीवास्तव ने माना ।