


रतलाम । व्यक्ति मंदिर में जाकर केवल प्रभु के दर्शन करके वापस लौट जाता है जबकि व्यक्ति को मंदिर में जाकर प्रभु के दर्शन के साथ-साथ प्रभु की प्रतिमा को भाव से निहारना चाहिए। उसके बाद लौटते समय मंदिर की सीढ़ियो पर बैठकर आंखें बंद कर प्रभु का ध्यान करना चाहिए । यदि आपके जेहन में प्रभु का स्वरूप नजर आए तो आपका मंदिर जाना सफल होगा । यह बात श्री कालिका माता मंदिर सत्संग हॉल में गोयल परिवार द्वारा आयोजित श्रीमद् भागवत ज्ञान यज्ञ के दौरान विदुषी अंजली जोशी बेटमा ने उपस्थित श्रद्धालुओं से कहीं उन्होंने कहा कि घर पर भगवान की मूर्ति को नहलाना, वस्त्र पहनना, पूजन करने के साथ-साथ हमें भगवान की मूर्ति से वार्तालाप करना चाहिए। उनसे प्रेम करना चाहिए वह उनकी भक्ति में डूब जाना चाहिए तो ही प्रभु की भक्ति पूरी होगी तथा उसके बाद ठाकुर जी के सामने से उठने की इच्छा नहीं होगी इसके लिए जरूरी है कि आप ठाकुर जी से निश्छल प्रेम करें । अंजली जोशी ने कहा कि वर्तमान में व्यक्ति को दो तरह के व्रत करना चाहिए एक मौन व्रत तथा है दूसरा मोबाइल व्रत यदि व्यक्ति मौन रहता है तो बहुत सी परेशानियों व समस्याओ का हल निकल जाता है और मोबाइल व्रत करने से एकाग्र भाव बढ़ेगा उन्होंने कहा कि वर्तमान युग में माताएं अपने बच्चों को चुप करने व नियंत्रण करने के लिए बच्चों के हाथ में मोबाइल थमा देती है यह उचित नहीं है नहीं तो यही मोबाइल बच्चों के लिए असाध्य बीमारी बन जाएगा। व्यक्ति को जरूरी नहीं है हर जगह बोला जाए व्यक्ति को सुनने की आदत भी डालना चाहिए तथा जरूरत के हिसाब से ही उतना बोलना चाहिए उन्होंने कहा कि भगवान कृष्ण की लीला आरंभ अपरंपार है जहां ब्रज में भगवान कृष्ण प्रेम स्वरूप् में हैं वहीं द्वारिका में उनका शक्ति स्वरूप नजर आता है। कथा के दौरान अंजली जोशी ने भगवान राधा कृष्ण के विवाह का सुंदर वर्णन करते हुए कहा कि श्री कृष्णा और राधा का विवाह भंडार वन में हुआ था तथा इस विवाह को सभी देवी देवताओं की उपस्थिति में ब्रह्मा जी ने करवाया था हिंदू कैलेंडर के अनुसार यह विवाह शुक्ल पक्ष की द्वितीय फुलेरा दूज पर हुआ था। भगवान् कृष्ण ब्राह्मणों की रक्षा के लिए रण छोड़ कर भागे थे थे और रणछोड़ रॉय कहलाये। उक्त जानकारी देते हुए राकेश पोरवाल ने बताया कि इस दौरान भजन मंडली के सुरेश व्यास, कपिल आंजना, शंभू राव ने भजन प्रस्तुत किये। श्री कालिका माता सेवा मंडल की और से अंजली जोशी का शाल श्रीफल देकर सम्मान किया गया। सम्मान किया गया है कथा के प्रारंभ में दिलीप गोयल, कुमुद गोयल, प्रदीप गोयल, समीक्षा गोयल, मोहनलाल भट्ट ,हरीश बिंदल, ब्रजेश सक्सेना,अजय चौहान, पुष्पा व्यास, प्रीति,माया बक्षी, नंदिनी आदि ने पोथी पूजन किया अंत में आरती कर प्रसादी वितरित की गई।