मध्य रात्रि में मोहनबेन गुगलिया का नेत्रदान सम्पन्न, दो लोगों को मिलेगा नई दृष्टि

रतलाम । रतलाम शहर ने एक प्रेरणादायक मिसाल पेश की है। तेजा नगर निवासी ज्ञानचंद गुगलिया की धर्मपत्नी एवं श्रीमती संगीता मेहता तथा श्रीमती कविता गांधी की माताजी श्रीमती मोहनबेन गुगलिया का मंगलवार की मध्य रात्रि को दुखद निधन हो गया। इस दुःखद क्षण में भी उनके परिवार ने एक साहसी और मानवतापूर्ण निर्णय लेते हुए नेत्रदान का संकल्प लिया, जिससे दो दृष्टिहीन व्यक्तियों को नई रोशनी प्राप्त होगी। स्वर्गीय मोहनबेन, नेत्रदानी स्व. राजेश गुगलिया की माताजी थीं। गुगलिया परिवार के इस पुण्य कार्य को ‘नेत्रम संस्था’ ने तत्परता से क्रियान्वित किया। संस्था के हेमन्त मूणत ने बताया कि समाजसेवी सुनील गांधी एवं सुशील मीनू माथुर ने परिजनों को नेत्रदान हेतु प्रेरित किया।
परिवार की सहमति प्राप्त होने के पश्चात, बड़नगर स्थित गीता भवन न्यास के ट्रस्टी एवं नेत्रदान प्रभारी डॉ. जी.एल. ददरवाल को सूचना दी गई। डॉ. ददरवाल, मोहनलाल राठौड़ के साथ रात में ही रतलाम पहुंचे और पूरी प्रक्रिया को सफलतापूर्वक सम्पन्न किया।
इस पुनीत कार्य के अवसर पर हेमन्त मूणत, ओमप्रकाश अग्रवाल, गोपाल राठौड़ (पतरा वाला), दिलीप कटारिया, रमणलाल मूणत, अभिषेक भाणावत सहित अनेक गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे। नेत्रम संस्था ने गुगलिया परिवार के इस निर्णय को समाज के लिए एक प्रेरणास्पद उदाहरण बताते हुए सभी नागरिकों से नेत्रदान जैसे महान कार्य में भाग लेने की अपील की है। “एक नेत्रदान, दो जीवन — आइए, हम सब मिलकर रोशनी बाँटें।” नेत्रदान संबंधी जानकारी व सहायता हेतु ‘नेत्रम परिवार’ के सदस्यों से संपर्क किया जा सकता है ।

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