
रतलाम। रतलाम शहर एवं ग्रामीण क्षेत्र के दो परिवारों ने अपने दिवंगत स्वजनों का नेत्रदान कर समाज के लिए अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया है। इन नेत्रदानों के माध्यम से चार दृष्टिहीन व्यक्तियों को दृष्टि मिलने की आशा बनी है।
पहला नेत्रदान डोंगरे नगर निवासी स्व. मोहनलाल अग्रवाल (उस्ताद) के पुत्र स्व. मांगीलाल अग्रवाल के निधन उपरांत, उनके परिजनों ने ओमप्रकाश अग्रवाल एवं सुनील गोयल की प्रेरणा से उनका नेत्रदान करने का निर्णय लिया। कार्निया संकलन की संपूर्ण प्रक्रिया एम. के. इंटरनेशनल आई बैंक, इंदौर के तकनीशियन द्वारा सम्पन्न की गई।
दूसरा नेत्रदान ग्राम सिमलावदा निवासी स्व. दशरथ पाटीदार की धर्मपत्नी स्व. श्रीमती मोहनबाई पाटीदार के निधन पर उनके पुत्र कमलेश पाटीदार, पुत्री किरण पाटीदार एवं परिजनों ने सुरेश पाटीदार और जगदीश पाटीदार की प्रेरणा से नेत्रदान का निर्णय लेकर नेत्रम संस्था को सूचित किया।
नेत्रम संस्था के हेमंत मूणत ने जानकारी दी कि परिजनों की सहमति मिलते ही संस्था ने गीता भवन न्यास, बड़नगर को सूचित किया। न्यास के ट्रस्टी एवं नेत्रदान प्रभारी डॉ. जी.एल. ददरवाल अपनी टीम सहित तत्काल सिमलावदा पहुंचे और नेत्रदान की प्रक्रिया को विधिवत संपन्न किया।
इस दौरान नेत्रम संस्था के बंशीलाल पाटीदार, मदन पाटीदार, बद्रीलाल पाटीदार, भगवतीलाल पाटीदार, शांतिलाल खेड़ावाले समेत आसपास के गांवों से बड़ी संख्या में ग्रामीणजन उपस्थित रहे। संस्था द्वारा परिजनों को प्रशस्ति पत्र भेंट कर उनकी उदारता और समाजसेवा की भावना को सम्मानित किया गया।
नेत्रम संस्था इन परोपकारी परिवारों के प्रति गहन कृतज्ञता प्रकट करती है और समाज में नेत्रदान के प्रति जागरूकता बढ़ाने हेतु अपने निरंतर प्रयासों का संकल्प दोहराती है। इन परिवारों की प्रेरणादायी पहल निश्चित रूप से समाज के अन्य लोगों को भी नेत्रदान के लिए प्रेरित करेगी और अनेक दृष्टिहीन व्यक्तियों के जीवन में प्रकाश लाएगी।