रतलाम । राष्ट्रीय शिक्षा नीति विद्यार्थी को शिक्षा के साथ संस्कार देने तथा विद्यार्थी के सर्वांगीण विकास के लिए संकल्पित है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति में किए गए प्रावधानों को शत-प्रतिशत लागू कर हम अपने देश को विश्व गुरु का दर्जा दिला सकते हैं। प्रत्येक शिक्षक इसमें महत्वपूर्ण भूमिका है। यदि शिक्षक इसके प्रति समर्पित रहे तो वह विद्यार्थी की दशा और दिशा निर्धारित कर सकता है।
उक्त विचार भारतीय शिक्षण मंडल की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं बनारस हिंदू विश्वविद्यालय की सदस्य श्रीमती अरुणा सारस्वत ने नीति आयोग, भारतीय शिक्षण मंडल तथा जिला शिक्षा विभाग रतलाम द्वारा आयोजित संगोष्ठी में मुख्य वक्ता के रूप में व्यक्त किए। “राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन और इसमें आने वाली चुनौतियों” पर श्री गुरु तेगबहादुर अकादमी सभागार में जिले के शासकीय एवं निजी विद्यालयों के प्राचार्य एवं शिक्षकों से रूबरू होते हुए उन्होंने कहा कि विद्यार्थी को उसकी मातृभाषा में पढ़ने की सुविधा इस नीति में इसलिए दी गई है कि वह अपनी मातृभाषा के माध्यम से अन्य भाषाओं के ज्ञान तक पहुंच सकें।
उन्होंने कहा कि शिक्षा नीति में विद्यार्थी के सर्वांगीण विकास, खेलकूद, व्यवसायिक शिक्षा एवं अन्य गतिविधियों पर भी जोर दिया गया है । विद्यार्थी को किसी एक संकाय में बांधने की बजाए उसे अपनी पसंद के विषय चुनने की स्वतंत्रता भी इसमें दी गई है। उन्होंने उपस्थित प्राचार्यों द्वारा किए गए प्रश्नों के उत्तर देते हुए कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति हमें सही दिशा में शिक्षा व्यवस्था को ले जाने की प्रेरणा देती है। यदि शिक्षक चाहे तो इसके माध्यम से विद्यार्थियों के जीवन में नई रोशनी बिखेर सकते हैं। इस अवसर पर विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन की समाजशास्त्र की प्राध्यापक श्रीमती ज्योति उपाध्याय ने विषय प्रवर्तन करते हुए कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में स्कूल शिक्षा के साथ उच्च शिक्षा को भी मजबूत बनाने पर विशेष जोर दिया गया है।
जिला शिक्षा अधिकारी श्री के.सी. शर्मा ने स्वागत उद्बोधन देते हुए कहा कि जिले में शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए शासन द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुरूप क्रियान्वयन किया जा रहा है। जिले के विद्यार्थियों के बेहतर शिक्षा परिणाम के साथ अन्य गतिविधियों में भी उनकी सक्रियता इस बात का प्रमाण है कि विद्यार्थी शासन की योजना का लाभ लेकर बेहतर शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। कार्यक्रम का संचालन आशीष दशोत्तर ने किया तथा आभार सहायक संचालक श्री लक्ष्मण देवड़ा ने व्यक्त किया।
दीप प्रज्वलित कर किया शुभारंभ
अतिथियों ने मां सरस्वती का पूजन एवं दीप प्रज्वलित कर संगोष्ठी का शुभारंभ किया। इस अवसर पर अतिथियों का स्वागत जिला शिक्षा अधिकारी श्री के.सी. शर्मा, जिला परियोजना समन्वयक श्री एम.एल. सांसरी, सहायक संचालक श्री लक्ष्मण देवड़ा, एडीपीसी श्री अशोक लोढ़ा तथा श्री गुरु तेग बहादुर शिक्षण समिति के सचिव श्री दर्शन सिंह गुरुदत्ता ने किया।