जावरा (अभय सुराणा) । दलोट जैन श्री संघ के आधार स्तंभ व शिखर ,प्रवीण, रमणीक (लाला) बरमेंचा के पूज्य पिताजी श्री लक्ष्मीचंद जी बरमेचा का स्वर्गवास हो गया है । श्री बरमेचा का पूरा जीवन धर्म के प्रति समर्पित था सागर समुदाय के मेवाड़ के संत आचार्य प्रवर श्री जितेंद्र सुरेश्वर जी म. सा. के प्रति आपका पूर्ण समर्पण था आपकी आचार्य पदवी का कार्यक्रम आप के कार्यकाल में दलोट में ऐतिहासिक रूप से संपन्न हुआ था।
आचार्य श्री र्निपुणरत्न सुरेश्वर जी मा. सा. ठाणा 2 का सन 2019 का ऐतिहासिक चातुर्मास में आपने खूब सहयोग किया था साथ ही संजय भाई की दीक्षा का कार्यक्रम भी आपने दलोट श्रीसंघ की निश्रा में कराया था ।सन 1989 में जैन मंदिर दलोट का जीर्णोद्धार पर आठ दिवसीय महोत्सव आप के कार्यकाल की शानदार उपलब्धि थी । आप अपने पीछे भरा पूरा परिवार छोड़ गए हैं। जावरा के लहसुन व्यापारी परिवार ने आपके निधन पर श्रद्धा सुमन अर्पित कीये तथा परमात्मा से कामना की कि उनके परिवार पर जो असामायिक व्रजपात हुआ है उसे सहन करने की शक्ति प्राप्त हो।