रतलाम । सफलता के लिए न तो संगठन चाहिए ना ही धन चाहिए सिर्फ अदम्य साहस और समय का निस्वार्थ भाव से जिसने समर्पण किया। अकेले ही विश्व कीर्तिमान स्थापित किए हैं उक्त विचार राष्ट्र संत कमलमुनि कमलेश ने जैन दिवाकर स्मारक सागोद रोड पर दीक्षार्थी परी दुग्गड़ की दीक्षा के विशाल समारोह को संबोधित करते कहा कि सफलता की उम्र लिंग और जाति से कोई संबंध नहीं है जिसमें संकल्प शक्ति फौलादी होती है वह छोटी उम्र के अंदर भी महान बन सकता है गुरु गोविंद सिंह के पुत्र जैसे । उन्होंने कहा कि आत्मा की अनंत शक्ति को जागृत करके लगे कर्मों से मुक्ति दिलाना ही साधना का मुख्य लक्ष्य चाहिए । राष्ट्रसंत ने कहा कि इरादे नेक हो और एक हो तो इंसान तो क्या देवता भी उसके चरणों की धूलि मस्तक पर लगाते हैं जैन संत ने स्पष्ट कहा कि संयम हमारीआत्मा शरीर का सुरक्षा कवच है और असंयम साक्षात मृत्यु और अशांति का घर है आसपास के माहौल को भी कड़वाहट मय बना देता है । दीक्षा का भव्य वरघोड़ा प्रात: 8 .00 बजे ललित कुमार जी पटवा के परिवार से प्रारंभ होकर गौशाला मार्ग होते हुए जैन दिवाकर स्मारक पर विशाल सभा के रूप में परिवर्तित हो गया । श्री ऋषभ मुनि जी ने मंगलाचरण किया महाशक्ति दिव्यांशी विश्व वंदना कीर्ति सुधा जी पूर्वा जी सुदर्शना जी डी दीक्षार्थी को आशीर्वाद प्रदान किया ।
श्री सिद्धार्थ मुनि जी ने उनकी संसारी भतीजी परी के दीक्षा पर मंगल शिक्षा प्रदान की डॉ. सुभाष मुनि जी ने विश परिवर्तन के लिए जाते समय मांगलिक प्रदान की । अभि ग्रह धारी राजेश मुनि जी के दीक्षा दिवस पर श्रमण संघीय मंत्री राष्ट्र संत कमलमुनि कमलेश ने तप सम्राट से चारों संघ के समक्ष अलंकृत किया । आदर की चादर भेंट की गई। राजेश मुनि जी ने कहा कि यह मेरा सम्मान नहीं है आपके स्नेह और प्यार का प्रतीक है साधना में अनंत शक्ति है जिसने विज्ञान को भी चुनौती दी है।
दीक्षार्थी परिबहन ने अपने मार्मिक उदबोधन ने कहा कि हौसले जितने महान होते हैं, वह छोटा भी छोटा नहीं होता है वह बड़ो से भी ज्यादा करिश्मा करके दिखा सकता है । वैश परिवर्तन की बात धर्म सभा में आगमन पर उप प्रवर्तक अरुण मुनि जी ने दीक्षा विधि करवाई । राष्ट्रसंत मुनि कमलेश ने दीक्षा मंत्र प्रदान किया और उनका नया नाम नव दीक्षित महासती तीर्थ श्रीजी रखा गया वैसे ही पंडाल गूंज उठा, जय कार के नारों से उप प्रवर्तक प्रदीप मुनि जी, उप प्रवर्तनी महासती मंगल प्रभा जी ने मंगल आशीर्वाद प्रदान किया । मंगल प्रभात जी के नेतृत्व में घोषित की गई, समारोह का संचालन महेंद्र बोथरा इंदर चंद जैन ने किया। अखिल भारतीय जैन युवा के विचार मंच नई दिल्ली राष्ट्रीय महिला शाखा की अध्यक्ष कल्पना मुथा, म.प्र. अध्यक्ष शशि मारू, कान्फ्रेंस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रमेश भंडारी, सुभाष विनाय कानी सभा में विचार व्यक्त किए । दीक्षा के इस उपलक्ष में जेल प्रशासन के अधिकारी ने नीमच और झाबुआ जिले में जेल के अंदर गौशाला खोलने की स्वीकृति प्रदान की। जिनेश्वर जैन मानक चंद जैन का स्वागत किया गया । अजय खिमेसरा जयंती लाल डांगी, महेंद्र चाणोदिया, पिस्ता कटारिया, मीना बोथरा, Óज्योति पटवा, राखी गांधी, मनीष भटेवरा, विनोद कटारिया सभी ने समारोह को सफल बनाने के लिए अथक प्रयास किया । अखिल भारतीय जैन दिवाकर संगठन समिति के पदाधिकारियों ने मंगल कामना व्यक्ति की।
श्री जैन दिवाकरीय कमलमुनि कमलेश विद्यालय का किया निरीक्षण
दीक्षा समारोह के पूर्व सभी गुरूभगवंत एवं महासती जी म.सा. के साथ नीमचौक स्थानक से दीक्षा स्थल पर जाने हेतु विहार करते हुए कर ३५ के करीब साधु-साध्वीयों द्वारा सामूहिक रूप से श्री जैन दिवाकरीय कमलमुनि कमलेश विद्यालय रामरहिम (ईश्वर नगर) स्कूल पर पधारे और स्कूल संचालकों को आर्शीवचन दिया एवं स्कूल संचालक समिति को भविष्य में भी विद्यालय के सफल संचालन हेतु शुभकामनाएं दी ।। विद्यालय पर संस्थापक अध्यक्ष मोतीलाल बाफना, अहिंसा दिवाकर कमलमुनि कमलेश शिक्षा समिति के अध्यक्ष निलेश बाफना, कोषाध्यक्ष पंकज बाफना, सहसचिव अर्पित बाफना आदि के अलावा श्रीमती पायल बाफना, श्रीमती वीना बाफना आदि ने अगवानी की और गुरू भगवंतो और महासतीवंतो का नवकारसी का लाभ स्कूल में लिया । इसके पश्चात दीक्षा स्थल की ओर विहार किया गया । इस अवसर पर जैन प्रकाश नई दिल्ली के श्री माणकजी जैन, जैन दिवाकर विचार मंच की राष्ट्रीय अध्यक्ष महिला शाखा श्री कल्पना मुथा, राष्ट्रीय प्रचार मंत्री श्रीमती सरोज सुराणा आदि विशेष रूप से उपस्थित थे । इस मौके पर २६ जनवरी २०२० को अतिथि द्वारा स्कूल प्रांगण में नए कैमरे हेतु सहयोग की घोषणा की थी । उक्त कैमरे गुरूभगवंतो के आगमन के अवसर पर लगवाकर प्रारम्भ किए गए।