रतलाम । कोरोना वायरस के फैलाव को रोकने, आमजन को संक्रमण से बचाने के लिए जिले में शहरों तथा गांवों में समितियां बनाई जाएंगी। यह कार्य मंगलवार शाम तक पुरा कर लिया जायेगा, शहरों में वार्डवार समिति बनेगी। इसके अलावा ग्राम स्तर पर भी समितियां बनाई जाएंगी। समितियां घर-घर जाकर उन व्यक्तियों की जानकारी प्राप्त करेंगी जो कोरोना प्रभावित क्षेत्रों से आए हैं। इस संबंध में कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान ने सोमवार सुबह बैठक लेकर अधिकारियों को निर्देश दिए। पुलिस अधीक्षक श्री गौरव तिवारी, अपर कलेक्टर श्रीमती जमुना भिड़े, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक डॉ. इंद्रजीत बाकलवार, एसडीएम, तहसीलदार तथा अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
शहरों के वार्डो में बनाई जाने वाली समितियों में वार्ड के 30 से 40 वर्ष आयु के शिक्षित व्यक्ति या शिक्षकगण आदि सम्मिलित रहेंगे। इसके अलावा नगर निगम के कर्मचारी एवं पुलिसकर्मी भी सम्मिलित रहेंगे। समिति में सदस्य संख्या 10 से 15 के मध्य होगी। सदस्य प्रत्येक घर जाकर पता करेंगे कि घर में कोरोना प्रभावित क्षेत्र से कोई व्यक्ति आया है तो उसकी जानकारी संधारित की जाए। गांव में भी इसी प्रकार की समितियां बनेंगी, जो गांव की सीमा पर भी निगरानी रखेंगी ताकि कोई बाहर का व्यक्ति प्रवेश नहीं करें। कलेक्टर ने निर्देश दिए कि ग्रामीण क्षेत्र में क्लस्टर अधिकारी के पास उस प्रत्येक व्यक्ति की जानकारी हो जो बाहर से आया है या प्रभावित क्षेत्र से आया है। समितियों के सदस्यों को परिचय पत्र भी दिए जाएंगे। कलेक्टर ने सीईओ जिला पंचायत श्री संदीप केरकेट्टा को निर्देश दिए कि प्रत्येक दिवस ग्रामीण स्तर पर तैनात अधिकारियों की वीसी लेकर मानिटरिंग करें। रतलाम शहर में वार्ड समितियों के गठन के लिए कलेक्टर ने एसडीएम शहर, तहसीलदार तथा सीएसपी को जिम्मा सौंपा तथा निर्देशित किया कि अधिकारियों को समिति में शामिल व्यक्तियों की बाय फेस पहचान भी हो। कलेक्टर ने कहा कि समितियां शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्रों में 10 मार्च के बाद कोरोना प्रभावित क्षेत्रों से आए व्यक्तियों की पहचान करेगी। वे संपूर्ण स्क्रीनिंग करेगी कि 10 मार्च के बाद जो व्यक्ति आए हैं वह मध्य पीरियड में कहीं और तो नहीं गए थे या उससे पहले वह किन-किन स्थानों पर आ-जा चुके हैं।
कलेक्टर ने निर्देश दिए कि क्वॉरेंटाइन पीरियड पूरा होने के पश्चात मेडिकल जांच होने पर ही उनको क्वॉरेंटाइन से बाहर आने दिया जाएगा। कलेक्टर ने निर्देश दिए कि ग्रामीण क्षेत्रों में आशा, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता आदि के पास पर्याप्त मास्को हो, एनआरएलएम के तहत गठित समूह को मास्क बनाने का कार्य दिया जा सकता है। जो भी व्यक्ति मास्कविहीन दिखता है उसको फ्री में मास्क उपलब्ध कराया जाए। जिन व्यक्तियों की ट्रैवल या प्रभावितों से संपर्क की हिस्ट्री होगी, उनको चिन्हित किया जाकर सिंपल लिए जाना है। जिले में गठित रैपिड रिस्पांस टीमें सैंपल लेने के लिए ट्रेंड की गई है।
कलेक्टर ने निर्देश दिए कि जिन व्यक्तियों को क्वॉरेंटाइन किया गया है उनको आवश्यक खाद्य वस्तुएं, जूते, चप्पल या और भी जरूरी वस्तुए हैं, प्रशासनिक अमला उपलब्ध करवाएं। कलेक्टर ने वीसी में उन लोगों की जानकारी भी ली, जिनके बाहर से आने पर घरों पर स्टीकर चिपकाए गए हैं।