जावरा (अभय सुराणा) । सामाजिक कार्यकर्ता सुजानमल कोचट्टा ने सब रजीस्टार आँफिस की तुलना देशी शराब की दुकान से करते हुए कहा करोडो रूपये साल की इन्कम देनेवाले करोडपति (सम्पत्ति खरिदने बेचनेवाले) रजीस्टार आफिस के बाहर सडक पर एसे लाईन लगाकर खडे बैठे रहते है जैसे शराब की दुकान पर खडे रहते है ।
श्री कोचट्टा ने बताया कि एक 10x 10 के जीर्ण शिर्ण कमरे फोटो खिचने से लेकर रजिस्ट्रेशन की सारी कार्यवाही बहुत ही धुटन भरे माहोल मे होती है।
श्री कोचट्टा ने बताया लगभग सात आँठ दशक से यही एक जीर्ण शिर्ण कमरा जिसमेँ तीन टेबले लगी है एक पर पँजा लगवा कर हस्ताक्षर कराये जाते है तो दुसरे पर फोटो व तिसरे पर सब रजिस्टर रहता है। इतनी संकिर्ण जगह रहती है कि रजिस्ट्रेशन कराने व करने वाले चार व्यक्तियों को बाके टेडे होकर निकलना पडता है।विषेकर महिलाओं को तो असहज स्थिति का सामना करना पडता है। बाकी सब करोडपति बाहर सडक पर ऐसे खडे बैठे रहते है जैसे शराब की दुकान पर।
श्री कोचट्टा ने बताया कि यधपि रजिस्ट्रेशन आँफिस व शराब की दुकान पर जानेवाले लोगो से ही सरकार का खजाना सबसे ज्यादा भरता है फिर भी दोनों की इज्ज़त सरकार की निगाह मे दो कोडी की भी नही है ना तो पिने का पानी मिलता है और नाही बताया बेठने की जगह तो जानलेवा धुप बारिश मे सडक पर लावारिसो की तरह धण्टो खडे रहना पडता है जबतक रजिस्ट्रेशन न हो जावे।
श्री कोचट्टा ने अफसोस व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार को सबसे ज्यादा राजस्व आय देने वाले सरकार के नगद जमाई की दुर्दशा सरकार का नकारात्मक रवैया अक्षम्य है। सरकार व जनप्रतिनिधियो ने सबसे ज्यादा राजस्व आय देनेवाले इन लोगो की प्रर्याप्त सुविधाओं व सम्मान पर तत्काल ध्यान नही दिया तो प्रापर्टी ब्रोकर संगठन व उपभोक्ता उग्र आन्दोलन के लिए बाध्य हो जावेगे।