रतलाम। न्यायालय न्यायालय श्रीमान् संतोष कुमार गुप्ता महोदय, विशेष न्यायाधीश (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988) रतलाम जिला रतलाम द्वारा आरोपी अलका सक्सेना पति रवि भटनागर आयु 42 वर्ष तत्कालीन पटवारी हल्का नम्बर 36, ग्राम हतनारा, तहसील एवं जिला रतलाम निवास- ए-45, डोंगरेनगर, रतलाम को 4 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 2000/- रूपए अर्थदण्ड से दण्डित किया । उक्त मामले की सफल पैरवी सुश्री सीमा शर्मा, विशेष लोक अभियोजक (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) जिला रतलाम द्वारा की गई ।
घटना का संक्षिप्त विवरण : विशेष पुलिस स्थापना लोकायुक्त उज्जैन के विशेष प्रकरण क्रमांक 01/2017 में माननीय विशेष न्यायालय (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) श्री संतोष कुमार गुप्ता द्वारा आज दिनांक 30-03-2022 को पारित अपने निर्णय में अलका सक्सेना उम्र 42 वर्ष पटवारी ग्राम हतनारा तहसील व जिला रतलाम को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धाराओं 7 और 13(1)डी में दोषसिद्ध पाते हुऐ धारा 13(1)डी सहपठित धारा 13(2) के अन्तर्गत दण्डनीय अपराध के लिए 4 वर्ष के सश्रम कारावास तथा कुल 2000/- रूपए के अर्थदण्ड से दण्डित कर आरोपी को जेल भेजा गया।
शासन की ओर से पैरवीकर्ता सुश्री सीमा शर्मा विशेष लोक अभियोजक (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) के द्वारा बताया गया कि दिनांक 22-02-2014 को आवेदक मोहनलाल पिता किशनलाल पाटीदार निवासी ग्राम हथनारा तहसील व जिला रतलाम ने लोकायुक्त कार्यालय उज्जैन में उपस्थित होकर एक लेखी शिकायत आवेदन पत्र इस आशय का प्रस्तुत किया कि उसके पिता किशनलाल के नाम पर 30 बीघा जमीन ग्राम हतनारा में है। इस भूमि का बटवारा उसके और उसके भाईयों शंकरलाल और छोगालाल के मध्य करने के लिए पावती बनाने के लिए पटवारी अलका सक्सेना से बात करने पर अलका सक्सेना ने पावती बनाने के लिए 30,000/- रूपए की रिश्वत की मांग की है। इस पर निरीक्षक बसंत श्रीवास्तव विपुस्था लोकायुक्त कार्यालय उज्जैन ने रिश्वत की मांग की जाने की पुष्टि की जाने के लिए आवेदक मोहनलाल को रिश्वत संबंधी वार्तालाप को गोपनीय रूप से रिकॉर्ड करने के लिए शासकीय डिजिटल वाईस रिकॉर्डर देकर आरोपी अलका सक्सेना और मोहनलाल के मध्य हुई रिश्वत संबंधी बातचीत की रिकॉर्डिंग कराई गई। तत्पश्चात रिश्वत की मांग प्रमाणित पाए जाने पर विधिवत ट्रैप कार्यवाही की गई तथा दिनांक 25-02-2014 को आरोपी अलका सक्सेना को कालिका माता मन्दिर के पीछे महालक्ष्मी नगर में स्थित उसके निजि कार्यालय में आवेदक मोहनलाल से 30,000/- रूपए रिश्वत लेते हुए लोकायुक्त के निरीक्षक बंसत श्रीवास्तव द्वारा ट्रेप किया गया। मौके पर आरोपी के हाथों को सोडियम कार्बोनेट पाउडर के घोल में धुलवाया गया तो घोल का रंग गुलाबी हो गया। आरोपी ने रिश्वत के नोट लेकर अपनी टेबल की दराज में रख दिए थे। विज्ञप्त पंच श्री राजेन्द्र पुरोहित ने आरोपी अलका सक्सेना से रिश्वत की राशि के बारे में पूछा तो उसने टेबल की दराज में रख देना बताया। जिस पर राजेन्द्र पुरोहित ने दराज में से उक्त राशि निकाली और गिनी तो 30,000/- रूपए थे। इन करेंसी नोटो के नंबरों का मिलान किए जाने पर ये नोट वही नोट पाए गए जो लोकायुक्त कार्यालय में फिनाफ्थीलीन पावडर लगाकर आवेदक की जेब में रखवाए गए थे। एफ.एस.एल. द्वारा रासायनिक परीक्षण में आरोपी के हाथ धुलवाने के घोल और टेबल की दराज के पोछन के घोल में फिनाफ्थलीन का परीक्षण धनात्मक पाया था।
विवेचना में अपराध प्रमाणित पाए जाने पर आरोपी के विरूद्ध अभियोजन स्वीकृति प्राप्त कर विशेष पुलिस स्थापना लोकायुक्त कार्यालय उज्जैन द्वारा आरोपी के विरुद्ध अभियोग पत्र दिनांक 20-01-2017 को विशेष न्यायालय रतलाम में प्रस्तुत किया गया था। जिसमें विचारण उपरांत विशेष न्यायालय रतलाम द्वारा आरोपी को दोषसिद्ध किया गया ।