इंदौर । तीर्थोदय तीर्थ क्षेत्र साँवेर रोड इंदौर महानगर मध्यप्रदेश में ससंघ विराजित आचार्य श्री 108 विद्या सागर जी महाराज ने राष्ट्र के नाम संदेश दिया। आचार्य श्री ने कहा की जिन लोगों के पास कुछ दिन पहले भोजन के लिए रुपए नहीं थे, उनके पास शराब खऱीदने के लिए पैसे कहा से आ गए ? आचार्य श्री ने कहा की शराब और मांस ही तो क़ोरोना के दोस्त है। ये दोनो जहां रहेंगे वहा पर क़ोरोना रोग बरकरार रहेगा। लगभग दो महीने से शराब की बिक्री बंद थी, इससे लोगों ने संयम रखा हुआ था। अब फिर से शराब की बिक्री शुरू हो गयी है, इससे अब ऐसे हालात होने की सम्भावना रहेगी की हालात सुधारना मुश्किल हो जाएगा। सरकार कह रही है की इससे अर्थ व्यवस्था सुधरेगी। सही दिशा में काम करने से भी देश की अर्थ व्यवस्था का संचालन किया जा सकता है। इसके लिए इस समय शराब की दुकान खोलने की ज़रूरत नहीं है। इससे तो ओर अधिक लोगों का दिमाग़ खऱाब होगा, तबियत खराब होगी। एक ओर तो आप लोग दिन रात चिकित्सक और पुलिस को लगा कर मरने से जनता को बचाने में जुटे हो, वही दूसरी ओर शराब पिला कर मारने का काम कर रहे हो। शराब नहीं मिल रही थी इतने दिनो से तो देश में संयम, संस्कार दिखने लगा था। अब शराब पीने से लोग पागलपन करने लगेंगे। लोगों में आर्थिक, आलोकिक और धार्मिक स्वालंबन होना चाहिए।
नशा बंदी और शराब बंदी से मिलेगा राष्ट्र को फायदा
आचार्य श्री ने आगे कहा कि आज के समय में भारत में नशा बंदी और शराब बंदी पूरी तरह से होना चाहिए। उसी से सबसे बड़ा फ़ायदा मिलेगा। इधर देश में अब बाहर की कंपनियो पर भी रोग लगाने का समय आ गया है। कारण कि इन कम्पनियों के गंदे पानी से हमारी गंगा, यमुना और नर्मदा जैसी पवित्र नदियों का पानी दूषित होता है। फिर उस पानी के सेवन से मानव का दिमाग़ दूषित होने लगता है। देश बंद हुआ तो भारतीय भोजन को तरस गये और अब शराब को रूपये पैसे खर्च करने आ गये। आचार्य श्री ने आगे कहा कि जब देश में क़ोरोना से बचाव के किए लॉकडाउन किया तो लोग भोजन को तरस गए थे। सरकार ने व्यवस्था भी की साथ ही अनेक संस्थाओ ने भी मदद की। अब जैसे शराब की दुकाने खुली तो लोगों के पास रूपये पैसे आ गए। लम्बी लाइन लगा कर शराब खऱीदने पहुँच गए। उन्होंने चेतावनी दी इसी से कोरोना के फैलने का सबसे अधिक सम्भावना रहेगी। उक्त जानकारी राजेश रागी (पत्रकार) ने दी ।