भीम । जैन स्थानक 2020 संस्कृति की रक्षा ही धर्मगुरु और भगवान की रक्षा करने से भी महान है संस्कृति के माध्यम से ही महापुरुषों का निर्माण हुआ है संस्कृति का अपमान धरती पर जन्म में सभी महापुरुषों का अपमान करने के समान है। उक्त विचार राष्ट्र संत कमलमुनि कमलेश ने वीर योद्धा महाराणा प्रताप के खिलाफ अभद्र टिप्पणी करने वाले की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि ऐसे शरारती तत्व मानवता पर कलंक है उस पर सख्त कार्रवाई करने की मांग की ।
उन्होंने कहा कि संस्कृति ही संस्कारों की जननी उसी के माध्यम से आज भी महापुरुषों का निर्माण हो रहा है उसका सारा श्रेय आध्यात्मिक संस्कृति को जाता है । राष्ट्र संत ने स्पष्ट कहा कि हमारी प्राचीन संस्कृति की अनमोल धरोहर विश्व में लोकप्रिय हो रही है तीन लोक की संपत्ति देकर भी संस्कृति का निर्माण नहीं किया जा सकता । जैन संत ने बताया कि भारतीय संस्कृति के सहारे ही हिंदुस्तान को विश्व गुरु बनने का सौभाग्य मिला और आगे भी बना रहेगा । मुनि कमलेश ने कहा कि चरित्र निर्माण में संस्कृति का योगदान ऑक्सीजन से महत्वपूर्ण है आध्यात्मिक संस्कृति के केंद्रों की शुरुआत अति शीघ्र सरकार को करनी चाहिए जिससे आत्मबल मजबूत करके कोरोना वायरस को पराजित करने में सफल हो सके मुनि जी ने कहा कि भीम की जैन स्थानक विक्रम संवत 2006 में जैन दिवाकर गुरुदेव श्री चौथमल जी महाराज की प्रबल पुण्य प्रेरणा का सफल है यह इतिहास सदियों तक महापुरुषों की याद आने वाली पीढ़ी को याद दिलाता रहेगा।