अमेरिका का प्रजातंत्र

प्रो.डी.के.शर्मा
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आजकल सभी प्रकार के मीडीया बहुत सक्रिय हैं। छोटी से छोटी खबर भी उनसे बच नहीं सकती। फिर भी अमेरिका की दो घटनांए ऐसी हुई जिनको उनके महत्व के हिसाब से उचित स्थान देकर उनका विश्लेषण नहीं किया गया। यह खबरें अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति ट्रम्प और वर्तमान राष्ट्रपति बाइडेन से सम्बन्धित है। इन खबरों के अनुसार कुछ समय पहले पूर्व राष्ट्रपति ट्रम्प के निवास पर पुलिस ने छापा मार कर गोपनीय फाइलों की पेटियां जब्त की। इसी प्रकार वर्तमान राष्ट्रपति बाइडेन के गैराज पर एटॉर्नी जनरल के आदेश पर छापा मारा गया और वहां से गोपनीय कागजात जब्त किए गए। इस खबर का महत्व इस कारण है कि एक छापा पूर्व राष्ट्रपति के निवास पर डाला गया। इससे भी अधिक महत्व दुसरे छापे का है। यह कार्यवाही अमेरिका के वर्तमान राष्ट्रपति के विरूद्ध हुई। उनके गैराज पर कार्यवाही कर कुछ रिकार्ड जब्त किए गए।
इन दोनो घटनाओं का महत्व अधिक है। जिसकी ओर किसी मीडिया ने गम्भीरता से ध्यान नहीं दिया। महत्व घटना या कार्यवाही का नहीं, महत्व उनके पीछे छिपे निहीतार्थ का है। महत्व इस बात का है कि दोनो कार्यवाही दो राष्ट्रपति के विरूद्ध हुई-एक पूर्व, एक वर्तमान। विश्व के अनेक देशो में प्रजातंत्र है – कही वास्तविक, कई नाम मात्र का। विचारणीय प्रश्न है कि क्या किसी देश मंे वर्तमान राष्ट्रपति अथवा प्रधानमंत्री के निवास पर कार्यवाही करने की हिम्मत कोई सरकारी विभाग कर सकता है? निश्चित ही नहीं।
इन हिम्मत भरी कार्यवाही के लिए अमेरिका के प्रजातंत्र को प्रणाम करने को जी चाहता है। इसकी जितनी भी प्रशंसा की जाए कम है। यह केवल प्रजातंत्र में ही सम्भव है,वह भी गिने चुने प्रजातंत्र में। प्रजातंत्र जनभावना पर आधारित शासन प्रणाली मानी जाती है। इसमें कानून सर्वोपरी होता है,व्यक्ति नहीं। प्रजातंत्र मे कानून बहुजन हिताए, बहुजन सुखाए होता है।ं इस भावना की सर्वश्रेष्ठ अभिव्यक्ति अमेरिका के प्रसिद्ध राष्ट्रपति अब्राहम लिकंन के द्वारा दी गई परिभाषा में होती है। उन्होंने प्रजातंत्र को नागरिकों का, नागरिकों के लिए, नागरिकों के द्वारा चुना हुआ शासन बताया है। द्वितीय विश्व युद्ध के समय ब्रिटेन के प्रधानमंत्री चर्चिल ने भी प्रजातंत्र को सबसे अच्छी शासन प्रणाली बताया है।
इस दृष्टिकोण से विचार करंे तो विश्व के अधिकांश देशो में प्रजातंत्र कई कठिनाईयों से जुझ रहा है। विश्व में कुछ ही देश ऐसे है जहां प्रजातंत्र स्थाई और सफल है। हमारा देश भारत उनमें से एक है। फिर भी कई प्रश्न चिन्ह उपस्थित हैं। हमारे यहां अधिकांश राजनैतिक दल व्यक्ति अथवा परिवार द्वारा संचालित होते हैं। जो राजनीति करते है वे स्वंय को कानून के उपर समझते है और अपेक्षा करते है कि उनके विरूद्ध कोई कार्यवाही ना हों। यद्यपि पिछले कुछ समय से राजनैतिक व्यक्तियों पर भी कार्यवाहीं हुई है किन्तु उनको राजनैतिक द्वेश से की गई कार्यवाही कह कर उनकी आलोचना की जाती है। हमारे यहां नगर पालिका का पार्षद और ग्राम पंचायत का सदस्य भी अति महत्वपूर्ण व्यक्ति हो जाता है। हमारे देश में राजनीति ऐसा व्यवसाय है जिसमें लाभ ही लाभ है। एक पार्षद भी पांच साल में अच्छा पैसा बना लेता है और कोई कार्यवाही नहीं होती। अमेरिका में अनधिकृत तरिके से कागज ले जाने पर राष्ट्रपति के विरूद्ध कार्यवाही हुई इसलिए वहां का प्रजातंत्र प्रशंसा का पात्र है।