कोरोना वायरस से डरें नहीं बल्कि संयम और विवेक के माध्यम से संघर्ष करके पराजित करें- राष्ट्रसंत कमलमुनि कमलेश

जोधपुर । लकड़ी में दीमक लगने पर अंदर से खोखली हो जाती है वैसे ही जिस आदमी में भय और खौफ के दीमक लग जाते हैं वहां हताश हो जाता है मानसिक रोगों का शिकार बनता है उक्त विचार राष्ट्रसंत कमल मुनि कमलेश ने महावीर भवन नेहरू पार्क करण मुक्ति आध्यात्मिक प्रशिक्षण केंद्र के अंदर व्यक्त करते कहा कि भय अवसाद को पैदा करता है उससे डिप्रेशन का शिकार हो जाता है। मुनि कमलेश ने कहा कि भय अपने आप में हिंसा है अदम्य साहस को निर्मित नहीं होने देता है और उसके बिना संघर्ष के वाइब्रेशन बॉडी में निर्माण नहीं हो सकते हैं । राष्ट्रसंत ने कहा कि कर्म का सिद्धांत जानने वाला कभी हार नहीं मानता है जाको राखे साइयां मार सके नहीं कोए इस विश्वास विश्वास के साथ एक बार मौत को भी ललकार देता है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि कोरोना से जितने लोग नहीं मरेंगे उससे कहीं ज्यादा उसके खौफ से मौत के शिकार बन जाएंगे डरे सो मरे या बात नहीं भूलनी चाहिए । जैन संत ने जनता से आव्हान किया कोरोनावायरस से डरे नहीं पलायन वादी नहीं बने संयम और विवेक के माध्यम से संघर्ष करके उसको पराजित कर सकते हैं इससे बचने का और कोई साधन संसार में नहीं है । संघ अध्यक्ष सुगन चंद धारीवाल ने बताया कि तपो मूर्ति घनश्याम मुनि जी, एकांतर तपधारी अरिहंत मुनि जी निमाज की हवेली में कोरोना मुक्ति शिविर 9 से 10 तक आयोजित कर रहे हैं हठयोगी धैर्य मुनि जी प्रशांत मुनि जी जोधपुर परिसर के रोहिट गांव में तप आराधना में लीन है जोधपुर जिले में दिवाकर परिवार के तीनों चातुर्मास वैचारिक क्रांति का शंखनाद कर रहे हैं कौशल मुनि जी ने मंगलाचरण किया अक्षत मुनि विचार व्यक्त किए मंत्री सुनील चौपड़ा ने आभार व्यक्त किया। जोधपुर में दिवाकर परिवार के संत तीन जगह चार्तुमास में धर्म आराधना हेतु विराजित है ।