भावना तो बाहर से जाने की थी लेकिन सूरतवासियों की आत्मीयता व अपनापन खींच लाई-समकितमुनिजी

सूरत की पावनधरा पर मंगलप्रवेश, अक्षरटाउनशिप में चतुर्विद संघ का समायोजन

सूरत, 31 मार्च (निलेश कांठेड़)। अपनापन व प्रेम हमेशा इंसान को खींचता है, ये बड़ा तोहफा होता है। हमारी भी भावना पहले सूरत के बाहर से ही निकलने की थी लेकिन आपका अपनापन, आत्मीयता बरबस सूरत की ओर खींच कर ले कर आ गई। ये भी खुशी की बात है कि सूरत में पहली बार आगमन हुआ और पहले ही प्रवचन का सौभाग्य गुरू पुष्कर के दरबार में मिला। ये विचार भीलवाड़ा के शांतिभवन में एतिहासिक चातुर्मास एवं उदयपुर में सेक्टर-4 स्थानक में होली चातुर्मास सम्पन्न करने के बाद आगामी पूना चातुर्मास के लिए विहार यात्रा पर निकले श्रमणसंघीय सलाहकार सुमतिप्रकाशजी म.सा. के सुशिष्य आगमज्ञाता, प्रज्ञामहर्षि डॉ. समकितमुनिजी म.सा. ने शुक्रवार सुबह देश की प्रमुख हीरा व कपड़ा नगरी सूरत में मंगल पर्दापण के बाद अक्षरटाउनशिप स्थित गुरू देवेन्द्र पुष्कर भवन में श्रीवर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ के तत्वावधान में आयोजित धर्मसभा में व्यक्त किए। पूज्य समकितमुनिजी म.सा.,भवान्तमुनिजी म.सा. एवं जयवंतमुनिजी म.सा. आदि ठाणा सुबह कामरेज से विहार करके अक्षरटाउनशिप पहुंचे थे। विहार यात्रा में स्थानीय श्रीसंघ के पदाधिकारियों एवं युवा कार्यकर्ताओं ने सेवाएं दी। अक्षरटाउनशिप श्रीसंघ के अध्यक्ष चन्द्रप्रकाश ढालावत, महामंत्री जीवनसिंह सोलंकी, कोषाध्यक्ष वेणीचंद बोकड़िया सहित सभी प्रमुख पदाधिकारियों ने मुनिवृन्द की अगवानी करते हुए विहार यात्रा में शामिल हुए। अक्षरटाउनशिप में मुनिश्री का मंगलप्रवेश भव्य तरीके से हुआ। यहां पहले से प्रवासरत साध्वी मण्डल ने भी आगे बढ़कर मुनिवृन्द का अभिनंदन किया। मंगलप्रवेश जुलूस में आगे श्राविकाएं सिर पर मंगलकलश धारण करते हुए चल रही थी तो श्रावक भगवान महावीर स्वामी एवं जैन धर्म के जयकारे लगाते हुए चल रहे थे। मंगलप्रवेश जुलूस गुरू देवेन्द्र पुष्कर भवन पहुंच धर्मसभा में बदल गया। यहां पूज्य समकितमुनिजी म.सा. आदि ठाणा के साथ संथारा साधिका उपप्रवर्तिनी श्रीचरित्रप्रभाजी म.सा. एवं जिनशासन प्रभावितका उपप्रवर्तिनी डॉ. श्रीदर्शनप्रभाजी म.सा. की सुशिष्या साध्वी डॉ. राजश्रीजी म.सा., साध्वी डॉ. मेघाश्रीजी म.सा., साध्वी समीक्षाश्रीजी म.सा. के सैकड़ो श्रावक-श्राविकाओं की मौजूदगी से चतुर्विद संघ का समायोजन हुआ। पूज्य समकितमुनिजी म.सा. ने खुशी व्यक्त की कि पूज्य साध्वी मण्डल के सानिध्य में नवपद ओली के महत्वपूर्ण प्रसंग पर उन्हें यहां आने का सुअवसर मिला। उन्होंने कहा कि आप भाग्यशाली है कि इनके पावन सानिध्य में आयम्बिल ़ओली की आराधना कर रहे है। बड़ी संख्या में आयम्बिल ओली से अनायास ही धर्म का वातावरण बन गया है। ये आराधना-साधना आपके जीवन में हर तरह से मंगलकारी हो और जिनवाणी का लाभ ऐसे ही लेते रहे।
सात वर्ष बाद हुआ आध्यात्मिक मिलन
धर्मसभा में पूज्य समकितमुनिजी म.सा. ने कहा कि श्रावक तो साधन का उपयोग करने से जब चाहे किसी से भी मिलने जा सकते है लेकिन पैदल चलने वाले साधु-संतों का मिलन अनायास किसी योग संजोग से ही होता है। उन्होंने धर्मसभा में मौजूद पूज्य साध्वी मण्डल से आध्यात्मिक मिलन का जिक्र करते हुए कहा कि इससे पहले वर्ष 2016 में बीजापुर के आसपास राह चलते हुए मुलाकात हुई थी। उसके सात वर्ष बाद अब पुनः मिलन हुआ है। पूज्य साध्वी मेघाश्रीजी म.सा. ने भी प्रवचन में समकितमुनिजी से पहले हुए मिलन की चर्चा करते हुए कहा कि आप से मिलने पर सदा नए विचारों के साथ प्रेरणा प्राप्त होती है। उन्होंने कहा कि पूज्य समकितमुनिजी पूरे देश में जिनवाणी का संदेश फैला रहे है।
शनिवार को उधना के बाद दो दिन प्रवचन शांतिभवन में
पूज्य समकितमुनिजी म.सा. आदि ठाणा अक्षरटाउनशिप स्थानक में शुक्रवार दिनभर प्रवास के बाद शाम को वहां से विहार कर सूरत के उधना क्षेत्र में महावीर भवन पहुंच गए। उधना श्रीसंघ के पदाधिकारियों ने मुनिवृन्द का वंदन-अभिनंदन किया। यहां रात्रि 8.15 बजे से धर्म चर्चा होंगी। शनिवार 1 अप्रेल सुबह 9 से 10.30 बजे तक पूज्य समकितमुनिजी म.सा. कैसे बने सुखी परिवार विषय पर मंगल प्रवचन देंगे। पूज्य समकितमुनिजी म.सा. का दो व तीन अप्रेल का प्रवास व प्रवचन सूरत के शांतिभवन में रहेगा। मुनिश्री के सानिध्य में सूरत के शांतिभवन में भगवान महावीर जन्म कल्याणक महोत्सव 3 अप्रेल को मनाया जाएगा। पूज्य समकितमुनिजी म.सा. आदि ठाण 4 अप्रेल को लिम्बायत गोड़ादरा पधारेंगे जहां उनके सानिध्य में भगवान महावीर जन्म कल्याणक महोत्सव मनाया जाएगा। समकितमुनिजी म.सा. की पांच अप्रेल को सूरत के नजदीक अवध संगरीला क्षेत्र पहुंच वहा विराज रहे श्रमणसंघीय आचार्य सम्राट डॉ. श्रीशिवमुनिजी म.सा. के दर्शन करने की भावना है। आचार्यश्री का आशीर्वाद व मार्गदर्शन प्राप्त करने के बाद मुनिश्री महाराष्ट्र के नासिक की दिशा में विहार करेंगे। पूज्य समकितमुनिजी के सानिध्य में महाराष्ट्र के नासिक में 23 अप्रेल को अक्षय तृतीया पर वर्षीतप पारणा महोत्सव होंगा।