सुख दुख तो आते रहते हैं और जाते भी रहते हैं-अहिंसा तीर्थ प्रणेता राष्ट्रसंत आचार्य श्री 108 प्रमुखसागरजी महाराज

जावरा (अभय सुराणा) । आचार्य श्री के मुखारबिंद से कहा गया वर्तमान में जो परमात्मा भरिया मान हैं उन तीनों लोक परमात्मा को में त्रिवार नमन करता हूं सुख और दुख तो शाश्वत है सुख दुख तो आते रहते हैं और जाते भी रहते हैं और मूर्खता और मूदता में अंतर है जिसको किसी चीज का ज्ञान नहीं है और वह गलती करें तो मूर्ख कहलाता है ज्ञान होते हुए भी यदि गलती करे तो वहा मूड होता है यदि आप बोतल रूपी शराब पीकर पागल बन जाते हैं यदि आप परमात्मा रुपी शराब पीकर देखोगे तो आपकी जिंदगी सुधर जाएगी जो अपने आप के लिए जीता है उसको सब कुछ फिर से मिल जाता है सबको पता है कि भारत में लाखों कोरोनावायरस हो गए हैं भगवान राम को भी 14 वर्ष का वनवास हो गया था इसलिए कोरोनावायरस राम को भी 14 वर्ष का वनवास हो गया । यह जानकारी चातुर्मास समीती पवक्ता रितेश जैन दी।