जोधपुर । पुत्र के जन्म लेने पर उसके खाने पीने रहने की संपूर्ण व्यवस्था करते हैं तो फिर ऑक्सीजन के लिए पेड़ क्यों नहीं लगाते हैं जिसने पेड़ नहीं लगाया उसे ऑक्सीजन लेने का कोई अधिकार नहीं उक्त विचार राष्ट्र संत कमलमुनि कमलेश ने हरियाली अमावस पर महावीर भवन नेहरू पार्क में संबोधित करते कहा कि वृक्ष धर्म संस्कृति का आधार है धर्म का प्राण है।
उन्होंने स्पष्ट कहा कि वृक्ष का कोई विकल्प नहीं है एक वृक्ष की सेवा करना माता पिता और परमात्मा की सेवा से बढ़कर है क्योंकि इनके सहयोग के बिना वह एक पल भी जिंदा नहीं रह सकते । राष्ट्रसंत ने कहा कि प्रकृति की रक्षा करना धर्म भगवान और मोक्ष की रक्षा करने से बढ़कर है वृक्ष को काटना अपने पांव पर कुल्हाड़ी चलाने के समान है । जैन संत कहा कि आध्यात्मिक संस्कृति में वृक्ष जल पहाड़ धरती को भगवान की भांति पूजनीय माना है उपासना पद्धति के माध्यम से इनका नुकसान और छेड़छाड़ नहीं होनी चाहिए ।मुनि कमलेश ने बताया कि धर्म के उपासना कर्मकांड के अंदर होली दिवाली दुर्गा पूजा गणेश चतुर्थी रमजान आदि धार्मिक पर्व पर प्रकृति नष्ट हो रही है धर्म आचार्यों को मिलकर प्रकृति की रक्षा को ध्यान में रखकर उपासना पद्धति का निर्माण करना होगा कौशल मुनि जी ने मंगलाचरण किया अक्षत मुनि ने विचार व्यक्त किए ।