जावरा (अभय सुराणा)। आचार्य श्री के मुखारबिंद से कहा गया जो बाप बड़ा ना भैया सबसे बड़ा रुपैया यहां कहावत कही बात सुनी होगी । हेलो, हाय पैसा हाय पैसा करते हैं उनके मुख से लेकिन ऐसा नहीं है । क्योंकि मैं कहता हूं सबसे बड़ी दौलत संसार की माता पिता है वहां व्यक्ति सबसे बड़ा अमीर है जो माता पिता की सेवा करता है तीन प्रकार की लक्ष्मी होती है गृह लक्ष्मी जो घर संभालती है धनलक्ष्मी जो व्यापार आदि दुनिया संभालती है । मोक्ष लक्ष्मी और जीवन का सार मुक्ति रूप संभालती है । गृहलक्ष्मी खूबसूरत धनलक्ष्मी जाएगी और चेहरे की ओर धनलक्ष्मी का सदुपयोग किया तो मोक्ष लक्ष्मी स्वत् प्राप्त हो जाएगी जाने के तीन गति नाच बाने बताते सदुपयोग में लगाना है या तो ले लिया खा लिया सो पा लिया हो दिया तो सर को दिया आ पूज्यपाद स्वामी कह रहे हैं1धन का नाश हो जाये तो फिर दुखी रहना पड़ता है इसलिए धन का सदुपयोग करे यहां जानकारी चातुर्मास समिति के पवक्ता रीतेश जैन ने दी ।