पूज्यश्री रूपमूनीजी म.सा. की 2 री पुण्यतिथि मनाई गई

जोधपुर । महावीर भवन संत ज्ञान का चलता फिरता तीर्थ है ज्ञान रूपी पानी से अनंत पापी आत्माओं को प्रक्षालन करके हृदय परिवर्तन के द्वारा निर्मल पवित्र बनाकर विश्व पूजनीय बना दिया उक्त विचार राष्ट्र संत कमलमुनि कमलेश ने वरिष्ठ प्रवर्तक श्री रूप मुनि जी के स्मृति दिवस पर महावीर भवन नेहरू पार्क में विचार व्यक्त करते हुए कहा कि संत के व्यक्तित्व को किसी सीमाओं में कैद नहीं किया जा सकता । मुनि कमलेश ने कहा कि संत के एक पल का सानिध्य विश्व की संपूर्ण शक्ति के दान से भी बढ़कर है जिनको सरकार और कानून नहीं बदल सका और को पल भर में ह्रदय परिवर्तन करके आदर्श प्रस्तुत किया अंगुलिमाल वाल्मिक इसका साक्षी है इतिहास में मेरे जैसे का निर्माण भी सत्संग से हुआ है । राष्ट्रसंत ने कहा कि जिन निगाहों में सोना और मिट्टी की दोनों समान होते हैं अपमान करने वाले को भी आशीर्वाद प्रदान करते हैं वही सच्चे संत हैं । जैन संत ने स्पष्ट कहा कि नशा मानवता का अभिशाप और संत के लिए कलंक है व्यसन रहित संत मानवता का उत्थान कर सकता है उन्होंने कहा कि सिद्धांतों का ज्ञान व्यक्ति को भगवान बनाता है धर्मांध पंथो का संकीर्ण ज्ञान सज्जन को भी शैतान बना देता है । श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ की ओर से श्रद्धांजलि दी गई अक्षत मुनि जी ने विचार व्यक्त किए कौशल मुनि जी ने मंगलाचरण किया महिला मंडल ने गीत प्रस्तुत किया