आप कुछ भी करो कर्म आपको छोडऩे वाले नहीं हैं – अहिंसा तीर्थ प्रणेता राष्टसंत आचार्य श्री 108 प्रमूखसागरजी महाराज

जावरा (अभय सुराणा) । अहिंसा तीर्थ प्रणेता राष्टसंत आचार्य श्री 108 प्रमूखसागरजी महाराज के मुखारबिंद से कहा गया आप कुछ भी करो कर्म आपको छोडऩे वाले नहीं हैं । कर्म काटने के पास आपके पास सैया में शक्ति है तो आप कर्मों को काट सकते हैं पारस के पास में जाएंगे तो पारस बन जाएंगे और कर्मठ के पास में जाएंगे तो कंगाल हो जाएंगे और साधु के चरणों में जाएंगे तो मालामाल हो जाएंगे । नाग-नागिन भी श्री पाश्र्वनाथ के कदमों में गए तो पद्मावती धरेंद्र हो गए तो आश्चर्य की बात नहीं है । कर्मठ 15 के पास पर पहुंचकर कुंदन समान हो गया साधु के प्रवचन सुनकर आप भी मोक्ष के स्वामी बन सकते हो अंदर की दुश्मनी तो चलती रहेगी। किंतु बाहर की दुश्मनी तो मिटा सकते हो राजा का मंत्री अपने भाई की बहू पर गलत निगाह रखता है राजा को पता चलने पर राजा उसका देश निकाला दे देता है और वही कर्मठ देश के बाहर जाकर पाखंडी संत बन जाता है तो पारसनाथ में जाकर उस कर्मठ अर्थात पाखंडी संत को समझाने गए तो कुछ पाखंडी साधु ने पारसनाथ पर पाठक जी वाह पाल्स हाथी बना और वही कर्मठ सांप बना और साथी को डस लिया पारसनाथ जब-जब स्वर्ग में गया और कर्मठ नर्क में गया। चक्र व्रती बने और कर्मठ भील में चक्रवर्ती को तीर से मार दिया दोनों मर कर एक स्वर्ग में गए पारस कुमार और कर्मठ नरक में गया यहां जानकारी चातुर्मास समिति के प्रवक्ता रीतेश जैन ने दी।