रतलाम । विश्व प्रसिद्ध अयोध्यापुरम तीर्थ प्रणेता आचार्य देव बन्धु बेलड़ी श्री जिनचंद्रसागरसूरीजी म.सा.एवं श्री हेमचन्द्रसागरसूरीजी म.सा. ने श्रीराममन्दिर भूमिपूजन अवसर पर प्रधानमन्त्री श्री नरेंद्र मोदी को शुभकामना संदेश भेजा है। आचार्यश्री ने कहा है कि धर्म है तो राष्ट्र है और राष्ट्र है तो धर्म है। अयोध्या यह धर्म और राष्ट्र के निर्माण की जन्मभूमि है, इस जन्मभूमि पर राममन्दिर का शिलान्यास यह भारत की भव्यता, दिव्यता और रम्यता का शिलान्यास है।
आचार्यश्री ने लिखा है देश ही नहीं विश्व को अयोध्या ने अमूल्य-अतुल्य और अकल्प प्रदान किया है। भारत के प्रत्येक धर्म और हिन्दू संस्कृति में अयोध्या हमेशा केंद्र स्थान पर रहा है। इस अवसर पर ऐसा लग रहा है कि यह केंद्र पुन: जीवित होगा। प्रजा की भावनाभूमि पर तो पूर्वकाल से ही राम और राममन्दिर प्रतिष्ठित है,अब अयोध्या में रामजन्मभूमि पर राममन्दिर का निर्माण कार्य साकार होने जा रहा है। राजा राम की मर्यादा-न्यायप्रियता और प्रजाप्रियता की प्रतिष्ठा हो, यही इस मंगल प्रसंग पर एक मंगलकामना है।
उन्होंने कहा कि चार पुरुषार्थ, ऋषि प्रधान-कृषिप्रधान-संस्कृति के प्रथम राजा श्री ऋषभदेव भी इश्वाकु वंश के आद्य राजा थे। इसी इश्वाकु वंश में मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम भी हुए। इन्हीं राजाराम और रामायण से इस देश का निर्माण और संस्करण हुआ है। रामायण ने शील-सत्व-सदाचार-संयम-समर्पण का संचार किया था और रामजन्मभूमि की संघर्ष साधना ने हिन्दू प्रजा और राष्ट्र के संगठन में प्राण फूंके है। यही हमारा गौरव है।
आचार्यश्री ने लिखा है अयोध्या में राम मन्दिर का निर्माण होने जा रहा है..हमें भी गुजरात में अयोध्यापुरम तीर्थ निर्माण का सौभाग्य मिला है। इसी तीर्थ में अयोध्या से जुड़े गौरवशाली इतिहास को हम प्रस्तुत कर रहे है।