पशुधन का कोई विकल्प नहीं, हीरे पन्ने माणक मोती से कीमती है पशु — राष्ट्रसंत कमलमुनि कमलेश

जोधपुर । इंसान के बिना पशु जंगल में जिंदा रह सकता है लेकिन पशु के बिना इंसान एक पल भी जिंदा नहीं रह सकता पशुधन का कोई विकल्प नहीं हीरे पन्ने माणक मोती से कीमती है उक्त विचार राष्ट्रसंत कमल मुनि कमलेश ने नेहरू पार्क महावीर भवन गो विचार गोष्ठी को संबोधित करते कहा कि पशु के बिना सृष्टि की कल्पना ही नहीं की जा सकती । उन्होंने कहा कि गौ माता औषधि का भंडार आर्थिकता का आधार और पर्यावरण का असली प्राण है जो धर्म और परमात्मा से बढ़कर है । जैन संत ने स्पष्ट कहा कि बढ़ती जनसंख्या और घटता पशुधन प्रकृति संतुलन के लिए खतरनाक संकेत है विज्ञान ने सिद्ध कर दिया है जहां पशु कत्ल होते हैं उनके खतरनाक वायरस से भूकंप अतिवृष्टि अनावृष्टि कोराना जैसे बीमारी को खुला निमंत्रण है राष्ट्रसंत ने बताया कि पशुधन के अभाव में तीस पर्सेंट दूध नकली आ रहा है यह सुप्रीम कोर्ट का कहना है यूरिया निरमा पाउडर कास्टिक सोडे के दूध से किडनी हार्ड कैंसर जैसे रोग फेल रहे हैं रोगों को रोकना है तो पशुधन बचाना होगा। मुनि कमलेश ने कहा कि पशुधन के अभाव में नकली घी के मंदिरों में जलेंगे प्रसाद बनेगा ईद की मीठी सेवइयां भी नकली दूध से बनेगी संस्कृति खतरे में पड़ जाएगी । धार्मिक आस्था पर चोट होगा एक गाय को बचाना पांच मंदिर बनाने से बड़ा लाभ है कौशल मुनि जी ने मंगलाचरण किया अक्षत मुनि ने विचार व्यक्त किए ।