पर्युषण पर्व पर पशु वध व मांस विक्रय पर प्रतिबंध लगाने जैन समाज व आईजा ने सौंपा ज्ञापन

रतलाम (नि प्र) जैन समाज के आध्यात्मिक आलोचना के महापर्व पर्युषण 15 अगस्त से प्रारंभ हो रहे है जो 24 अगस्त 2020 तक चलेंगे। इस दौरान माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय एवं एनीमल वेलफेयर बोर्ड ऑफ इंडिया ने एडवाइजरी जारी करते हुए पूरे भारत में पशु वध एवं मांस विक्रय प्रतिबंधित किया है। ऑल इंडिया जैन जर्नलिस्ट एसोसिएशन (आईजा) के प्रदेशाध्यक्ष पवन नाहर थांदला,  महासचिव राज कुमार हरण जावरा, कोषाध्यक्ष अखिलेश जैन रतलाम, कार्यकरणी सदस्य अभिषेक जैन पिपलोदा, मनोज मेहता रतलाम, जीवदया समिति चेयरमैन भावेश हरण जावरा आदि ने कलेक्टर कार्यालय रतलाम पहुँच कर सुश्री एसडीएम सुश्री शिराली जैन को ज्ञापन सौंपते हुए उक्त आदेशों की कॉपी संलग्न कर उसके परिपालन में जिले व आसपास के क्षेत्रों में पूर्णतया पशु वध एवं मांस विक्रय पर रोक लगाने की मांग की है। उन्होंने बताया कि अहिंसा के अवतार श्रमण भगवान महावीर स्वामी सभी जीवों के प्रति दया व करुणा भाव रखते थे एवं उनके द्वारा अहिंसा को परम धर्म बताया गया है, पर्युषण पर्व अहिंसात्मक आस्था रूप समस्त जीवों को अभयदान देने के लिये प्रसिद्ध है इसलिए इन पावन दिनों में किसी भी प्रकार की हिंसा के लिये कोई स्थान नही है अतः श्रीमान इन पावन दिनों के लिये आदेश जारी करते हुए सम्पूर्ण भारत की तर्ज पर जिले सीमा में पशु वध एवं मांस विक्रय पर सख्त प्रतिबंध लगाए।