जोधपुर । किसी आत्मा को सताया जाता है उसके अंदर से निकलने वाली हाय की बद्दुआ औ के दुष्परिणाम से साक्षात परमात्मा भी नहीं बचा सकते उक्त विचार राष्ट्र संत कमलमुनि कमलेश ने पर्यूषण पर्व के चौथे दिन महावीर भवन नेहरू पार्क में विचार व्यक्त करते हुए कहा कि इंसान ही नहीं पशुओं की बद्दुआ भी हमें खाक में मिला सकती है। उन्होंने कहा कि शेर सांप शत्रु के दुष्प्रभाव से कदाचबचा सकता है लेकिन बद्दुआ रूपी बारूद के ढेर से आत्मा के गुण नष्ट हो जाते हैं विश्व का कोई भी धर्म किसी को सताने की इजाजत नहीं देता। मुनि कमलेश ने बताया कि बद्दुआ से बुरे कर्मों का संचय होता है जन्म जन्मांतर तक पीछा नहीं छोड़ती है आत्मा को दुर्गति में ढकेल ती है। जैन संत ने कहा कि निस्वार्थ भाव से सहयोग करने पर उस आत्मा से निकलने वाली दुआएं तीन लोग की संपत्ति से बढ़कर होती है । राष्ट्रसंत ने स्पष्ट कहा कि मूक प्राणियों से निकलने वाली बद्दुआ आओं से अतिवृष्टि अनावृष्टि कोरोनावायरस जैसी प्राकृतिक आपदाओं को खुला निमंत्रण देना है । श्रीमती बदाम देवी पटवा जो कि कौशल मुनि जी के धर्म माताजी हैं ने 85 वर्ष की उम्र में 25 उपवास का संकल्प लिया । अक्षत मुनि जी ने मंगलाचरण किया कौशल मुनि ने विचार व्यक्त किए ।