आज नारी ने अपने बलबूते पर पुरुष के एकाधिकार क्षेत्र को चुनौती देती हुई पुरुष से दो कदम आगे आकर नए कीर्तिमान स्थापित किए – राष्ट्रसंत कमलमुनि कमलेश

जोधपुर । विश्व की विकास की धुरी नारी है नारी जितनी ज्ञानवान और चरित्रवान होगी उतना ही मानवता का भविष्य उज्जवल होगा । उक्त विचार राष्ट्र संत कमलमुनि कमलेश ने महासती मनोहर कुमार जी की महामंदिर डंको बाजे रे जैन स्थानक में गुनानुवाद सभा को संबोधित करते कहा कि नारी की उपेक्षा करना सृष्टि का अपमान करने के समान है । उन्होंने बताया कि शारीरिक रचना के आधार पर नारी और पुरुष की शक्ति को कम अथवा ज्यादा मूल्यांकन करना गौर अज्ञानता का प्रतीक है । राष्ट्रसंत ने स्पष्ट कहा कि नारी को दूसरे नंबर के दर्जे की मानसिकता का त्याग के बिना किसी भी धर्म में प्रवेश नहीं हो सकता है। मुनि कमलेश ने कहा कि आज नारी ने अपने बलबूते पर पुरुष के एकाधिकार क्षेत्र को चुनौती देती हुई पुरुष से दो कदम आगे आकर नए कीर्तिमान स्थापित किए । जैन संत ने साधना क्षेत्र में नारी को सम्मान उपासना करने का अधिकार विश्व के सभी महापुरुष ने दिया है उनके अधिकारों का हनन करना कुचलना परमात्मा का अपमान करने के समान है मूर्तिपूजक बाल मुनि जी ने कहा कि नारी मानवता का सच्चा श्रृंगार है । महासती सुमंगला जी ने कहा कि गुरु की असीम कृपा से ही आंतरिक प्रतिभा का विकास संभव है महासती चंदन बालाजी ने कहा कि भगवान महावीर ने नारी को साधना का अधिकार देकर विश्व में नई क्रांति स्थापित की श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ जोधपुर के अध्यक्ष सुकनराज जी धारीवाल डम को बाजे रे स्थानक के अध्यक्ष प्रकाश जी सिंगरी एवं महिला मंडल ने भी श्रद्धांजलि अर्पित की