धन का बॅटवारा कर सकते हो लेकिन कर्मो का नहीं, कर्मों का तो हिसाब खुद को चुकाना पड़ता है – कमल मुनि कमलेश

इंदौर महावीर भवन 29 सितंबर 2023 । अपने द्वारा किए कर्मों से बुरा समय आने पर किसी पर दोषारोपण अथवा परमात्मा को भी उसमें लपेट लेना घोर अज्ञानता है। उक्त विचार राष्ट्र संत कमल मुनि कमलेश ने पलक जेलमी के 30 उपवास एवं अमीषा पूजा पटवा के 18 उपवास के अभिनंदन समारोह को संबोधित करते कहा कि कर्मों को कोई चुरा नहीं सकता आपस में बांट नहीं सकता, आप विश्व की संपूर्ण संपत्ति दान देकर भी मुक्त नहीं हो सकते।
उन्होंने कहा कि शुभ-अशुभ कर्मों से एकत्रित धन का बटवारा कर सकते हैं लेकिन कर्मों का तो हिसाब खुद को चुकाना पड़ेगा। मुनि कमलेश ने बताया कि राजा हो अथवा रंक कर्म किसी को नहीं छोड़ते हैं जैक और रिश्वत भी नहीं चलती है साक्षात परमात्मा भी मुक्ति नहीं दिला सकते। राष्ट्र संत ने कहा कि तप जप और साधना से जन्म जन्मांतर के कर्मों को क्षय करके मुक्ति पाई जा सकती है। जैन संत ने कहा कि कर्मों से ही सुख और दुख आते हैं सद्गति अथवा दुर्गति प्राप्त करता है 84 लाख योनि में मानव ही कर्मों को जन्म और मरण को क्षय करके परमात्मा पद को का सकता है।
संघ की ओर से रिंकु कोठारी ने 51 एकासन और पावैचा 45 एकासान तपस्या लेकर तपसियों का अभिनंदन किया। अखिल भारतीय जैन दिवाकर विचार मंच नई दिल्ली की ओर से महिला शाखा ने सम्मान किया। सभा का संचालन प्रकाश भटेवरा ने किया तथा रमेश भंडारी ने आभार व्यक्त किया।