तपस्वीयों का सामूहिक पारणा एवं सम्मान समारोह के साथ 10 दिवसीय पर्यूषण पर्व का समापन

जावरा (अभय सुराणा)। दिगंबर जैन समाज चातुर्मास समिति जावरा द्वारा आयोजित 10 दिवसीय पर्यूषण पर्व का गरिमामय समापन समारोह राष्ट्रसंत श्री प्रमुखसागर जी महाराज के आशीर्वाद एवं सानिध्य में बुधवार को शाम 5 बजे आनंद एवं उल्लास के वातावरण में हुआ । खास बात यह रही कि पर्यूषण पर्व के दौरान राष्ट्रसंत श्री प्रमुखसागरजी महाराज के सांसारिक पिता आनंद बाबाजी एवं माताजी श्रीमती मिथिलेशदेवी इटावा ( उत्तर प्रदेश )ने 10 दिवसीय उपवास की तपस्या का पारणा कर तथा राष्ट्रसंत के दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त किया ।
चातुर्मास समिति के प्रवक्ता रितेश जैन ने बताया कि पर्यूषण पर्व के दौरान पुणे (महाराष्ट्र) इटावा ( उत्तर प्रदेश ) दिल्ली गोहद मंदसौर एवं जावरा के 51 तपस्वीयो ने दस उपवास, सात उपवास, पांच उपवास एवं तीन उपवास की घोर तपस्या की । जिन्हें राष्ट्रसंत के कर कमलों से पारणा कराया गया।
10 उपवास के तपस्वी यह हैं – अनिल जैन पुणे महाराष्ट्र, मनोज जैन भिंड, संतोष जैन इटावा उत्तर प्रदेश, सुश्री फाल्गुनी बरैय, सुश्री रिया बारोड, सुश्री अपेक्षा डोशी , श्रीमती मीना गोधा, श्रीमती सरिता कोठारी, वंशिका कलरधर, एवं अंश डोसी (सभी जावरा) इसके अलावा आकांक्षा ओरा ने सात उपवास तथा आगम पाटनी,अक्षत ओरा, पावन लुहाडिया, सुश्री अर्बी कोठारी, सुश्री शिवानी डोसी, सुश्री महक कियावत ,श्रीमती अंकिता बारोड एवं श्रीमती विनीता बरैया ने पांच उपवास की घोर तपस्या की ।
समापन कार्यक्रम में सभी तपस्वीयो का मोती की माला एवं प्रतीक चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया गया । कार्यक्रम में बाहर से पधारे तपस्वीयो एवं साधकों ने जावरा में आयोजित पर्यूषण पर्व पर किए गए सम्मान एवं आत्मीयता की मुक्त कंठ से प्रशंसा की । कार्यक्रम के अवसर पर पर्यूषण पर्व के दौरान विभिन्न प्रतियोगिताओं के पुरस्कार एवं प्रमाण पत्र वितरित किए गए. शिविर में पधारे आराधको के प्रति धन्यवाद ज्ञापित करते हुए चातुर्मास समिति के अध्यक्ष महावीर मादावत ने पर्यूषण पर्व के दौरान व्यवस्था में किसी भी त्रुटि के लिए आचार्यश्री एवं समस्त श्रावकौ के प्रति समिति की ओर से क्षमा याचना की । कार्यक्रम का संचालन चातुर्मास समिति के महामंत्री विजय औरा एडवोकेट एवं अंतिम कियावत ने किया ।