राष्ट्र संत कमल मुनि जी कमलेश के सानिध्य में सम्मान समारोह आयोजित

इंदौर महावीर भवन 19 नवंबर 2023 । गीली मिट्टी को चाहे जैसे ढंग से ढाला जा सकता है सूखने के बाद नहीं। वैसे ही बाल मानस का चाहे जैसे निर्माण किया जा सकता है। उक्त विचार राष्ट्र संत कमल मुनि जी कमलेश ने बालकों एवं स्वाध्याय के सम्मान समारोह को संबोधित करते कहा कि बच्चों को जैसे संस्कारों का आसपास का माहौल मिलता है मानस पर उसकी अमिटा छाप पडती है। उन्होंने कहा कि संस्कार निर्माण तो मां की कुक्षी से प्रारंभ हो जाता है वीर अभिमन्यु जैसे आज का विज्ञान भी इसका स्वीकार कर रहा है। मुनि कमलेश ने बताया कि वह माता-पिता संतान के कट्टर शत्रु है जो उनके सामने बुराइयों का सेवन कर उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ करते हैं । राष्ट्र संत ने बताया कि बालक तो भगवान का रूप होता है बुरी संगति से शैतान के रूप में भी परिवर्तन हो सकता है। जैन संत ने कहा कि बालक देश की अनमोल धरोहर है उन में संस्कृति से संस्कारों का संचार होगा जिससे चरित्र का निर्माण होगा। यही लक्ष्य सभी धर्माचार्य का होना चाहिए। महावीर स्वाध्याय संघ के द्वारा आतिशबाजी न करने वाले बच्चों का सम्मान किया गया पर्यूषण पर्व में सेवा देने वाले स्वाध्याय का अभिनंदन किया गया । अखिल भारतीय जैन दिवाकर विचार मंच नई दिल्ली शाखा महाराष्ट्र के वैशाली विजयबोहरा प्रतापगढ़ से प्र विता तड़वेचा मंदसौर से नेहा कमलेश जैन अपने अपने क्षेत्र में पधारने की विनंती की। अहमदनगर पुणे मुंबई पनवेल गुजरात से पधारे दिवाकर मंच के कार्यकर्ताओं का संघ की ओर से सम्मान किया गया । अशोक मांडलिक ने संचालन किया चातुर्मास समिति के संयोजक प्रकाश भटेवरा आभार व्यक्त किया।