आध्यात्मिक देश में गाय की दुर्दशा निंदनीय है – राष्ट्रसंत कमलमुनि कमलेश

जोधपुर । गौ माता आदि के लिए आवारा शब्द का प्रयोग करना सरासर अपराध है यह धार्मिकता के साथ खिलवाड़ है उक्त विचार राष्ट्र संत कमलमुनि कमलेश ने आचार्य सम्राट डॉक्टर शिव मुनि जी की 79 जन्म जयंती पर महावीर भवन निमाज की हवेली में संबोधित करते कहा कि मां का कपूत बेटा जन्म लिया उसका दूध पीकर स्वार्थ पूरा निकलने पर छोड़ दिया असल में आवारा तो इंसान है जो इस प्रकार का अन्याय जिस को मां कहते हैं उसी के साथ कर रहा है ।
मुनि कमलेश ने कहा कि जिस प्रकार गलियों और सड़कों के ऊपर गौमाता पीडि़त हो रही है कितने ही एक्सीडेंट हो रहे हैं और इंसानों के साथ भी दुर्घटना हो रही है यह नगर निगम के लिए कलंक और शर्मनाक घटना है शायद इनको वोट डालने का अधिकार होता तो इनकी भी कोई सुनता। जैन संत ने स्पष्ट कहा कि मूर्ति की तो पूजा करते हैं और जीवंत को गंदगी खाने को मजबूर करते हैं आध्यात्मिक देश में गाय की दुर्दशा निंदनीय है।
राष्ट्रसंत ने बताया कि रूस अमेरिका ब्रिटेन जापान आदि देशों में कहीं आपको गाय रोड पर नहीं मिलेगी हमारे यहां पर क्यों का जवाब चाहिए । उन्होंने सरकार से मांग करते हुए कहा कि गाय आदि के लिए आवारा शब्द के प्रयोग पर प्रतिबंध लगाया जाए पूजनीय के लिए आवारा शब्द कलंक है आचार्य सम्राट की जयंती पर अखिल भारतीय जैन दिवाकर विचार मंच ने दिल्ली शाखा जोधपुर के अध्यक्ष विमल मेहता के नेतृत्व में महेंद्र राज लुणावत मनीष जैन नंदलाल हर्ष आदि कार्यकर्ताओं ने शिवांशी गेट जैन गौशाला में गौ माता को गुड़ का भोग लगाया और चारा भी खिलाया महावीर भवन में सामयिक एकासना दिवस के रूप में मनाया गया।