विज्ञान निरंकुश हो गया तो तबाही और बर्बादी को खुला निमंत्रण देने का काम करेगा – राष्ट्र संत कमलमुनि कमलेश

जोधपुर।  विज्ञान पर आध्यात्म का अंकुश रहेगा के विकास का काम करेगा मानवता के लिए वरदान का काम करेगा उक्त विचार राष्ट्र संत कमलमुनि कमलेश ने महावीर भवन निमाज की हवेली मैं व्यक्त करते हुए कहा कि यदि विज्ञान निरंकुश हो गया तो तबाही और बर्बादी को खुला निमंत्रण देने का काम करेगा उन्होंने कहा कि महापुरुषों के आध्यात्मिक ज्ञान के ग्रंथों के सहारे ही विज्ञान खोज कर रहा है वर्तमान की शोध में ग्रंथ का ऑक्सीजन से में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहे हैं मुनि कमलेश ने बताया कि विकास और पर्यावरण संतुलन की ओर ध्यान नहीं दिया गया तो विकास ही विनाश का कारण बन जाएगा राष्ट्रसंत ने स्पष्ट कहा कि विज्ञान की कसौटी पर हजारों वर्ष पहले महापुरुषों की आध्यात्मिक ज्ञान से युक्त आध्यात्मिक ग्रंथ शत प्रतिशत खरे उतर रहे हैं आध्यात्मिक जीवन शैली स्वास्थ्य और पर्यावरण को विनाश से बचाएगा ग्रंथों पर शोध करने की आज भी आवश्यकता है। 
जैन संत ने कहा कि विज्ञान के ज्ञान के साथ अनुभव का ज्ञान का समावेश कर दिया जाए तो सोने में सुहागा सिद्ध होगा योग साधना और अहिंसा को अंतरराष्ट्रीय दिवस के रूप में घोषित होना आध्यात्मिक की अपने आप पर बहुत बड़ी विजय है हिंदुस्तान को पुनः विश्व गुरु के रूप में महा मंडित होने का सौभाग्य मिला है या आध्यात्मिकता की देन है कौशल मुनि अरिहंत मुनि ने विचार व्यक्त किए घनश्याम मुनि ने मंगलाचरण किया अक्षत मुनि ने गीत प्रस्तुत किया।