दानवीर केसरीमल बूरड़ के योगदान को भुलापाना असंभवन है देवलोकगमन जैन समाज ही नहीं सम्पूर्ण देश मे अपूरणीय क्षति- प्रवर्तक सुकनमुनि जी

भीलवाड़ा (सुनिल चपलोत)। संघ और समाज मे अपूरणीय क्षति अहिंसा के अध्यक्ष अशोक पोखरण ने बताया की देवगढ़ बेगलौर निवासी अखिल भारती विश्ववत मण्डल के चैयरमैन केसरीमल बुरड़ के देवलोकगमन पर गुरूवार को दोपहर प्रवर्तक सुकनमुनि महाराज ने कहां विधी के विधान के आगे किसी का जोर नहीं चलता परन्तु सम्पूर्ण जैन समाज मे ऐसा श्रावक होना कठिन है साधू संतों एवं संघ समाज में उनके योगदान को भुला पाना असभंव है संतों की सेवा मे अगस्र रहें। बुरड़ दानवीर गौभक्त तथा गरीबों की से सेवा मे सदैव अग्रणी रहें उप्रप्रवर्तक अमृतमुनि,महेशमुनि ,मुकेशमुनि ,हरीश मुनि आदि संतों ने कहां की उम्र के इस पड़ाव मे भी समाज मे काम करने गजब की शक्ति थी अभी हाल ही में संतो की उपस्थिति मे देवगढ़ मे 300 बिघा में गौशाला का उद्घाटन हुआ जहां 5000 से अधिक गायों की चारे पानी की निरंतर चल रही है मीडिया सुनिल चपलोत ने बताया श्रध्दांजली सभा में जैन समाज के पदाधिकारियों मे प्रमुख रूप से हेमन्त आंचलिया मीठ्ठालाल सिघवी, कंवरलाल सूरिया, दिनेश बम्ब ,चंचल पीपाड़ा, सुरेन्द्र सुराणा, रामसिंह चौधरी, शांतिलाल खमेसरा, मनोहरलाल सूर्या तथा जैन कॉन्फ्रेंस से संजुलता बाबेल, पुष्पा गौखरू, नीता बाबेल , कमला चौधरी , निर्मला भड़क्तिया , लाड़ मेहता तथा पूर्व सभापति मंजू पौखरणा आदि ने श्रध्दांजली अप्रित करते हुये केसरीमल बुरड़ के निधन पर कहां की जैन में संघठन के सूत्रधार तथा जो भी उनके पास गया वो कभी खाली हांथ नहीं आया । मानवता के सच्चे मसीहा, दानवीर, गौभक्त बतातें हुये श्रध्दांजली दी ।