जोधपुर। एक तरफ दीपावली की लक्ष्मी पूजा करते हैं दूसरी तरफ आतिशबाजी करके लक्ष्मी में आग लगाते हैं इससे बड़ा लक्ष्मी का अपमान और और कुछ नहीं हो सकता उक्त विचार राष्ट्रीय संत कमलमुनि कमलेश ने महावीर भवन निमाज की हवेली में संबोधित करते कहा कि आतिशबाजी में आग लगाना नोटों में आग लगाने के समान है। उन्होंने कहा कि सामान्य जनता भुखमरी बीमारी और मौत से जूझती रहे और हम पटाखे के के में पैसे उड़ाए इससे बड़ी संवेदनहीनता और कोई नहीं हो सकती।
मुनि कमलेश ने कहा कि पर्यावरण आर्थिकता और स्वास्थ्य का अत्यंत खतरनाक दुश्मन आतिशबाजी हे। राष्ट्रसंत ने कहा कि आतिशबाजी से पर्वों का कोई संबंध नहीं है दीपावली ही नहीं 31 दिसंबर अथवा चुनाव जीतने पर ब्याव शादी में भी आतिशबाजी करना घोर अन्याय है प्रकृति के साथ।
जैन संत ने कहा कि आतिशबाजी में लगने वाले पैसे को गरीबों की सेवा में लगा कर उनके चेहरे पर खुशी लाना यह पर्व की सार्थकता है। भगवान महावीर के निर्वाण महोत्सव पर तीन दिवसीय 12 नवंबर से 14 नवंबर तक सामूहिक तेला तप की आराधना का का आयोजन श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ महावीर भवन की ओर से आयोजित किया जा रहा है।