तपरत्न प्रकाशचंद पितलिया ने गुरुदेव के पावन मुखारविंद से 51 उपवास के प्रत्याख्यान लिए
जावरा (अभय सुराणा)। दिवाकर भवन जावरा पर चार्तुमास हेतु विराजित आगम ज्ञाता ध्यान योगी श्री विकसित मुनि जी म.सा. नवकार मंत्र आराधक श्री वीतराग मुनि जी म.सा.का मंगलमय चार्तुमास विभिन्न धार्मिक गतिविधियों के साथ निरंतर गतिमान है । प्रतिदिन जिनवानी का श्रवण श्रावक श्राविका गुरुदेव की वाणी के माध्यम से कर रहे है प्रवचन की श्रंखला में धर्मं सभा को संबोधित करते हुए आपने बताया की अपनी सकारात्मक सोच रख कर अपने जीवन को पाप के पथ पर जाने से रोकना और दुखो से डरना नहीं जीवन में संयम व धेर्य धारण करते हुए संसार के मायाजाल को तोड़ते हुए परमात्मा की भक्ति में तल्लीन हो जाओ ताकि आपके जीवन में सदा आनंद की अनुभूति हो सके इस दुर्लभ मनुष्य जीवन को व्यर्थ गवाने की बजाय अनमोल जीवन को सार्थक बनाओ उदाहरण के माध्यम से समझाते हुए आपने बताया की हमारे आचार्य गुरु भगवन्तो ने हमें धर्मं के साथ इस पथ पर चलना सिखाया उनके प्रति हमें उदार भाव से उनका उपकार मानते हुए उनके प्रति समर्पित रहना चाहिए । आजकल मनुष्य आपने स्वयं को नहीं देखता दुसरे के दोषों को देखता है एवं उसका विरोधी हो जाता है अपनी कमजोरी को दुसरो पर डालता है । इसी नकारात्मकता से हमारे सोचने की शक्ति कमजोर हो गई है जीवन खोखला हो गया है । लेकिन गुरु हमारे जीवन में सकारात्मकता के साथ अंतर्मन की ज्वाला को शीतलता से कम करते हुआ सत्य मार्ग पर चलने का दिशा निर्देश देते है मनुष्य में अहिंसा के भाव को जगाकर हमारे हीरे जैसा जीवन को सफल एवं सार्थक बनाने का प्रयास करते है।
उपरोक्त जानकारी देते हुए श्री संघ अध्यक्ष इंदरमल टुकड़िया एवं चातुर्मास समिति के अध्यक्ष पुखराज कोचट्टा ने बताया की तपरत्न प्रकाशचंद पितलिया ने गुरुदेव के पावन मुखारविंद से 51 उपवास के प्रत्याख्यान लिए। प्रतिदिन दोपहर में नवकार मंत्र एवं पेसठिंया छंद के जाप चल रहे हैं साथी बच्चों की दर्शनवर्धन पाठशाला प्रतिदिन गतिमान है रात्रि 8:15 बजे से गुरुदेव के पावन सानिध्य में ज्ञान चर्चा का आयोजन भी किया जा रहा है।धर्मसभा का संचालन सहमंत्री प्रकाश श्रीश्रीमाल ने किया आभार प्रदर्शन कोषाध्यक्ष राकेश जैन ने माना।