भगवान शिव के नाम की महिमा तर्क और बुद्धि के माध्यम से स्थापित नहीं की जा सकती-श्रीमती सुरज डामोर
रतलाम । विश्व मांगल्य सभा मध्यप्रदेश की अध्यक्षा पूर्व आईएएस अधिकारी श्रीमती सुरज डामोर ने जानकारी देते हुए बताया कि विश्वमांगल्य सभा द्वारा देव, देश और धर्म कार्य से प्रेरित होकर तेजस्पी एवं सामथ्र्यशाली ’’माता’’ का निर्माण होने के उद्देश्य से विविध उपक्रमों का आयोजन किया जाता रहा है। सावन माह के पवित्र अवसर पर भगवान शिव के दिव्य पंचस्त्रोतों का मातृशक्ति द्वारा सामुहिक पाठ के आयोजन को दृष्टिगत रखते हुए आगामी 10 अगस्त को रतलाम तथा झाबुआ में भगवान श्री शिवजी के स्त्रोत का सामृहिक पठन का आयोजन किया जारहा है । इसी कडी में 10 अगस्त को दोपहर 03 बजे कम्यूनिटी हाल पुलिस लाईन झाबुआ में तथा सायंकाल 4 बजे रतलाम के लायंस हाॅल रतलाम में उक्त पंचस्त्रोतों का सामूहिक पठन का कार्यक्रम आयोजित होगा ।
श्रीमती डामोर ने बताया कि रतलाम में आयोजित इस वृहद कार्यक्रम में नगर निगम रतलाम की अध्यक्षा श्रीमती मनीषा शर्मा एवं प्रख्यात समाजसेवी पद्मश्री डाॅ. लीला जोशी मुख्य अतिथि रहेगी इस अवसर पर सुश्री पूजा पाठक राष्ट्रीय प्रशिक्षण प्रमुख विशेष रूप से सहभागी होगी। तथा झाबुआ नगर में भी कोठारी कालेज इन्दौर की डायरेक्टर डा मधुलिका शुक्ला के मुख्य आतिथ्य में कार्यक्रम आयोजित होगा ।
श्रीमती डामोर ने बताया कि भगवान शिव की पूजा करना शिव आराधकों की पहली प्रसंद है क्योंकि उन्हें प्रसन्न करना और उनका आशीर्वाद प्राप्त करना आसान है। भगवान शिव अपरिवर्तनीय चेतना या मनुष्य की आत्मा का प्रतीक हैं और उनकी पत्नी पार्वती माया शक्ति या मन के रूप में प्रकट होने वाली भ्रामक शक्ति का प्रतिनिधित्व करती हैं। शिव नाम उनके 64 रूपों में से एक का प्रतीक है,। अर्धनारीश्वर-पुरुष और महिला रूपों का एक आदर्श संश्लेषण। भगवान शिव का नाम, चाहे सही ढंग से या गलत ढंग से, जानबूझकर या अनजाने में, सावधानी से या लापरवाही से जपा जाए, निश्चित रूप से वांछित परिणाम देता है। भगवान शिव के नाम की महिमा तर्क और बुद्धि के माध्यम से स्थापित नहीं की जा सकती। इसे निश्चित रूप से भक्ति, विश्वास और उनके नामों के निरंतर जप और भाव के साथ उनके भजनों के गायन के माध्यम से ही अनुभव या महसूस किया जा सकता है। महिलाएं अपने पति और पुत्रों के कल्याण के लिए भगवान शिव की पूजा करती हैं और व्रत रखती हैं। अविवाहित महिलाएं भगवान शिव की तरह प्यार करने वाले पति पाने के लिए सोलह सोमवार की पूजा करती हैं। इसी उद्देश्य से सावन माह में विश्व मांगल्य सभा ने 10 अगस्त को राष्ट्र शिवार्चन- शिव आराधना से राष्ट्र अराधना के तहत शिवजी के पंच स्त्रोतों का सामुहिक पाठ का आयोजन किया है।
उन्होने अंचल की सभी मातृशक्ति से आग्रह किया है कि इस अवसर पर अधिक से अधिक संख्या में नियत स्थान पर समय पर पहूंच कर इस विश्व मंागल्य सभा का अभिनव आयोजन में सहभागी होकर धर्मलाभ प्राप्त करें ।