नव दिवसीय नवकार मंत्र की आराधना सम्पन्न

रतलाम। सौ.वृ.त. श्री राजेंद्र सूरि त्रिस्तुतिक जैन श्वेतांबर श्री संघ एवं चातुर्मास समिति द्वारा नीम वाला उपाश्रय खेरादी वास में रतलाम नंदन प. पू .श्री 1008 जैन मंदिर के प्रेरणादाता, राष्ट्र संत कोकण केसरी गच्छाधिपति आचार्य देवेश श्रीमद् विजय लेखेन्द्र सुरिश्वर जी म.सा. की आज्ञानुवर्ती एवं मालवमणि पूज्य साध्वी जी श्री स्वयं प्रभाश्री जी म.सा. की सुशिष्य रतलाम कुल दीपिका शासन ज्योति साध्वी जी श्री अनंत गुणा श्रीजी म.सा,श्री अक्षयगुणा श्रीजी म.सा. श्री समकित गुणा श्री जी म.सा. श्री भावित गुणा श्री जी म.सा. उपासना में विराजे हैं जिनका चातुर्मास में नित्य प्रवचन चल रहे हैं इसी तारतम्य में आज 20 अगस्त 2024 मंगलवार को आज नवकार मंत्र की आराधना 9 दिन में नवकार मंत्र की साधना संपन्न हुई। जिसमें 60 साधकों ने भाग लिया । सुबह 9:30 बजे पारणा संपन्न हुआ। पारणे के पूर्व साध्वी श्री समकित गुणा श्रीजी ने मांगलिक सुनाई तत्पश्चात पारणे की क्रिया संपन्न हुई। नवकार मंत्र जैन धर्म का एक महत्वपूर्ण मंत्र है और इसे अत्यधिक पवित्र और शक्तिशाली माना जाता है।
इस मंत्र की साधना से अनेक लाभ होते हैं।
(1) मन की शांति: नवकार मंत्र का जप मानसिक शांति और स्थिरता प्रदान करता है। इसे नियमित रूप से जपने से मानसिक तनाव कम होता है और व्यक्ति को आंतरिक शांति का अनुभव होता है।
(2) आध्यात्मिक उन्नति : नवकार मंत्र व्यक्ति की आत्मा को शुद्ध करता है और उसे आध्यात्मिक उन्नति की ओर प्रेरित करता है। यह मंत्र साधक के आत्म-ज्ञान को बढ़ाता है और उसे मोक्ष मार्ग पर अग्रसर करता है।
(3) सकारात्मक ऊर्जा: नवकार मंत्र का नियमित जप व्यक्ति के चारों ओर सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है। इससे नकारात्मक विचारों और भावनाओं का नाश होता है।
(4) धैर्य और सहनशीलता: इस मंत्र की साधना से व्यक्ति में धैर्य और सहनशीलता की भावना विकसित होती है। यह साधक को कठिन परिस्थितियों में भी धैर्य बनाए रखने में सहायता करता है।
(5) पापों का नाश: नवकार मंत्र के जप से पूर्व में किए गए पापों का नाश होता है और व्यक्ति को पापों से मुक्ति मिलती है।
(6) धन्यताओं की प्राप्ति: इस मंत्र की साधना से साधक को अनेक प्रकार की धन्यताओं की प्राप्ति होती है, जैसे कि सुख-शांति, समृद्धि, और संतोष।
(7) स्वास्थ्य लाभ: नवकार मंत्र का जप करने से मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार होता है। यह व्यक्ति को रोगों से मुक्त रखने में सहायता करता है और उसे दीर्घायु प्रदान करता है। नवकार मंत्र की साधना से व्यक्ति न केवल आध्यात्मिक लाभ प्राप्त करता है, बल्कि उसे जीवन में सुख-शांति और संतुलन भी मिलता है।
वृ.त. त्रीस्तुतिक जैन श्री संघ एवं राज अनंत चातुर्मास समिति, रतलाम के तत्वाधान में बड़ी संख्या में साधक,साधिकाए व समाजजन उपस्थित थे।