जो संत की वाणी से सुधर जाए उन्हें सिपाहियों के लातों की जरूरत नहीं होगी

24 वीं बटालियन में राष्ट्र संघ 108 श्री प्रमुख सागर जी के प्रवचन

जावरा (अभय सुराणा) । जो व्यक्ति संत की वाणी से सुधर जाए उन्हें सिपाहियों के लाखों की जरूरत नहीं होगी संत और सैनिक दोनों देश के लिए सोचते हैं सिपाही तन के अपराध को और संत मन के अपराध को रोकते हैं मन से अपराध समाप्त हो जाए तो तन का अपराध स्वत समाप्त हो जाता है। यह प्रवचन राष्ट्रसंत 108 श्री प्रमुख सागरजी महाराज ने 24 वी वाहिनी विशेष सशस्त्र बल मुख्यालय जावरा के परेड मैदान में बटालियन जवानों को संबोधित करते हुए व्यक्त किए ।
राष्ट्र ने प्रवचन में कहा कि संत और जवान मिलकर देश में बहुत क्रांति कर सकते हैं पृथ्वी पर 2 माताएं हैं एक जन्म देने वाली मां और एक धरती मां द्य मां के प्रति बेटे का बहुत ज्यादा कर्तव्य है लेकिन उससे भी कहीं ज्यादा धरती मां के प्रति जवानों को रहता है इन्हीं जवानों के बूते पर देश में तिरंगा फहरा रहा है यदि यह नहीं हो तो दूसरा झंडा यदि देश में फिर जाए तो प्रलय मच जाए द्य जब देश और प्रदेश में सिविल पुलिस कानून व्यवस्था नहीं संभाल पाती तब बटालियन के जवान कानून व्यवस्था संभालते हैं जिस प्रकार गाड़ी में स्टेपनी का महत्व होता है उसी प्रकार पुलिस में एस ए एफ का महत्व स्टेपनी के समान है इसलिए मेरे मत के अनुसार एस एफ का जवान जनरेटर है इनवर्टर है और है एटीएम द्य क्योंकि यदि लाइट में हो तो इनवर्टर और जनरेटर का महत्व है उसी प्रकार यदि पॉकेट में पैसा नहीं है तो एटीएम का बहुत महत्व है ।
आपने जवानों को संबोधित करते हुए आगे कहा कि संत यदि गलतियां करते हैं तो वे जेल जाते हैं और यदि पुलिस जवान गलती करता है तो कानून की निगाह में वह भी सजा का भागी होता है लेकिन यदि जवान से कोई गलती होती है तो लोगों का विश्वास पुलिस से उठ जाता है इसलिए मेरा पुलिस जवानों से आह्वान है कि वह ऐसा कोई काम ना करें जिससे समाज मैं पुलिस के प्रति गलत अवधारणा का प्रकटीकरण हो द्य आप ने फरमाया कि देश में महिला सुरक्षा की अत्यंत आवश्यकता है क्योंकि आज पुलिस में महिलाओं की भागीदारी भी बहुत बड़ी बात है आपने बटालियन एवं तीर्थंकर की समानता का उल्लेख करते हुए कहा कि जिस 24 वीं बटालियन में प्रवचन हो रहे हैं वह भाग्यशाली है क्योंकि जैन धर्म में 24 तीर्थंकर और सनातन धर्म 24 अवतार हुए हैं हमारे दोनों हाथों की आठ उंगलियों में कुल 24 र्पो ईश्वरी देन के रूप में प्रदत्त है कालचक्र 24 घंटे का है और इस 24 घंटे में एक र्पो के 1 घंटे में हर व्यक्ति अच्छा काम करें इसीलिए 24 के अंक का शास्त्रों में भी काफी महत्व है ।
राष्ट्रसंत ने फरमाया कि प्राणी मात्र में बिखराव है हमने धर्मों को आपस में बांट लिया कोई राम राम तो कोई जय जिनेंद्र कोई सतश्री अकाल तो कोई सलाम वालेकुम बोल रहा है जबकि हमें एक दूसरे से पहले जय भारत और बाद में यह बोलना चाहिए ।
कार्यक्रम के पूर्व साध्वी श्री परीक्षा श्रीजी माताजी ने मंगलाचरण से कार्यक्रम की शुरुआत की द्य बटालियन की उप सेनानी श्रीमती एम अजनार , सहायक सेनानी शक्ति सिंह चौहान निरीक्षक रामरतन गोरे उप निरीक्षक विपिन रावत सहायक उपनिरीक्षक लक्ष्मी नारायण गोयल धीरेंद्र प्रताप सिंह मदन लाल गुर्जर एवं प्रधान आरक्षक शंभू सिंह डामर सहित अन्य बटालियन जवानों ने संतश्री को श्रीफल भेंट कर आशीर्वाद प्राप्त किया द्य राष्ट्रसंत ने सभी को मोती की माला , प्रतीक चिन्ह एवं धार्मिक पुस्तकें प्रदान कर सम्मानित किया द्य स्वागत उद्बोधन संजय सुराणा ने दिया द्य इस अवसर पर पुष्प योग समिति के महामंत्री विजय औरा , प्रवक्ता रितेश जैन राजेश भाचावत , संजय गोधा , नरेंद्र गोधा , दिलीप मादावत जितेंद्र डोसी एवं अजय दोसी ने बटालियन परिवार के सदस्यों का केसरिया पगड़ी पहनाकर सम्मान किया द्य कार्यक्रम का संचालन पुष्पयोग समिति के महामंत्री विजय ओरा एडवोकेट तथा आभार प्रवक्ता रितेश जैन ने माना।