एकादशी संकीर्तन का आयोजन गीता मंदिर में संपन्न हुआ

रतलाम 29 अगस्त । आज गुरुवार को दोपहर 3:00 से सायं 6:00 तक गीता मंदिर पर एकादशी संकीर्तन नंद उत्सव रखा गया है। आज अजा एकादशी हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण व्रत है, जिसे भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को मनाया जाता है। यह व्रत पापों के नाश और मोक्ष की प्राप्ति के लिए किया जाता है। इसके साथ ही, अजा एकादशी व्रत को सभी पापों से मुक्ति और मोक्ष की प्राप्ति का मार्ग माना जाता है।
अजा एकादशी का महत्व ऐसा माना जाता है कि इस दिन व्रत रखने और भगवान विष्णु की पूजा करने से व्यक्ति के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं। अजा एकादशी का व्रत मोक्ष की प्राप्ति के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। इस व्रत का पालन करने से व्यक्ति को जीवन और मृत्यु के चक्र से मुक्ति मिलती है। इस दिन दान और पूजा करने से धार्मिक पुण्य की प्राप्ति होती है। व्रती को इस दिन जरूरतमंदों की सहायता करनी चाहिए और भगवान विष्णु की आराधना करनी चाहिए।
अजा एकादशी की कथा
पौराणिक कथा के अनुसार, अजा एकादशी का व्रत राजा हरिश्चंद्र से संबंधित है। एक समय राजा हरिश्चंद्र अपने सत्य और धर्म पालन के लिए प्रसिद्ध थे, लेकिन एक शाप के कारण उन्हें अपना राज्य, संपत्ति और परिवार खोना पड़ा। उन्हें अपने जीवन में बहुत कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।
एक दिन, उनकी पत्नी और पुत्र भूख से तड़प रहे थे। तब उन्होंने एक ऋषि से परामर्श लिया, जिन्होंने उन्हें अजा एकादशी का व्रत करने का सुझाव दिया। राजा हरिश्चंद्र ने इस व्रत का पालन किया, जिससे उनके सभी कष्ट समाप्त हो गए। उनके पापों का नाश हुआ और उन्हें अपना खोया हुआ राज्य और संपत्ति पुनः प्राप्त हो गई। अंत में, राजा हरिश्चंद्र को स्वर्ग में स्थान मिला।
अजा एकादशी का व्रत सत्य, धर्म और मोक्ष की प्राप्ति के लिए किया जाता है। इसे करने से व्यक्ति के जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है। इस एकादशी पर्व पर पंडित गोपाल कृष्ण शर्मा अपने सुमधुर कंठ से गोपाल भजन किया। गोविंद चले आओ,गोपाल चले आओ, मुरलीधर माधव नंदलाल चले आओ, आंखों में बसे हो तुम, धड़कन में धड़कते हो तुम, कुछ ऐसा करो भगवान, सांसों में समा जाओ, गोविंद चले आओ किए गये। राधा कृष्ण के साथ महिलाओं ने देर तक नृत्य किया और भजनो का आनंद लिया तथा राधा और कृष्ण भी भजनों पर बहुत थिरके ।कार्यक्रम में निवेदन कर्ता गीता देवी ठाकुर हरेंद्र सिंह राठौर, निर्मला बाबूलाल चौधरी, अनीता गोपाल चंद्र पालीवाल, अनीता महेश शर्मा, जय श्री सुधीर पंचारिया, मधु हरीश रतनावत रहे । इस अवसर पर रेणु संजय व्यास, तारा गोपाल पालीवाल,किरण नरेंद्र कुमार व्यास, बालकिशन माहेश्वरी, नवीन व्यास, रवि जौहरी, वीरेंद्र वाफगावकर, प्रतिभा ठक्कर,गोपाल जोशी आदि श्रद्धालु जन बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।