नशा बिगाड़ रहा है समाज और देश की दशा

रतलाम। छोटू भाई की बगीची सुधर्मा सभा में चल रहे साधुमार्गी जैन संघ रतलाम के चातुर्मास में आचार्य श्री रामलाल जी म.सा. के आज्ञानुवर्ती शासन दीपक हेमंत मुनि जी म.सा. ने प्रवचन में फरमाया कि वर्तमान समय में नशा बिगाड़ रहा समाज व देश की दशा व दिशा। वर्तमान युग में युवा पीढ़ी इस और आकर्षित हो रही हे उन्हें नशा चढ़ रहा है दौलत का शोहरत का चकाचौंध का उसमें वह पगला से हो गए हैं वह यह नहीं सोच रहे कि इसका परिणाम प्रतिफल क्या होगा जिन घरों में वरिष्ठों ने भी अपना अंकुश खो दिया। वह भी युवा पीढ़ी के साथ इसी चकाचोंद में लग गए तो उसे घर को कोई नहीं बचा सकता क्योंकि नशा सिर्फ व्यसनों का नहीं होता हमारे मस्तिष्क पटल पर बैठे अभिमान का भी होता है हम अपनी धन दौलत शोहरत के नशे में घूम रहा है हमें नहीं पता कि हमारा अगला पिछला पल क्या होगा बड़े-बड़े राजा के कई साम्राज्य हुए उन साम्राज्यों का अब कोई अता पता नहीं तो हमें घमंड किस बात का इसलिए हमें स्वयं को परिवार को समाज को धार्मिक क्रियाओ से जोड़ना होगा साथ ही लाघवमुनि म.सा. ने चरित्र आत्माओं की महत्वता बताते हुए बताया कि साधु इस अ कंपलीट मैन जो साधु कर सकता है वह एक सांसारिक पुरुष नहीं कर सकता। एक छोटा सा बच्चा भी साधु जीवन धारण करके समाज के परिवर्तन का जो कार्य कर सकता है। वह हम समाज में रहकर भी नहीं कर सकते। श्री ब्रम्हऋषिजी म.सा. ने फरमाया कि हमें मोह को त्यागना होगा उत्कृष्ट भाव लाने के लिए उत्कृष्ट कार्य करने होंगे उत्कृष्ट रसायन लाने होंगे कर्म निर्जरा ही हमें तीरा सकती है। इसके साथ हमें जीवन यापन पर ध्यान देना चाहिए। साध्वी श्री करिश्मा जी म सा ने फरमाया कि संसार में दो प्रकार के जीव होते हैं भयभीत और निर्भय जो भय में जीता है वह अपना जीवन ढंग से जी ही नहीं सकता वह प्रमाद नहीं छोड़ सकता वह सूखकारी नहीं रह सकता। समाधिवान बनना हेतु हमें निर्भय बनकर जीना होगा हम ऐसी दैनिक क्रिया करें जिसमें हमें भय का सामना न करना पड़े उपरोक्त जानकारी देते हुए संघ के प्रीतेश गादिया ने बताया कि सभा में लगभग ढाई हजार (2200) से अधिक संख्या में श्रावक श्राविका धर्म लाभ ले रहे हैं तत्पश्चात दोपहर में धार्मिक प्रतियोगिताओं का आयोजन भी हो रहा है। सभा का संचालन समता युवा संघ अध्यक्ष अर्पित गांधी ने किया।