मासश्रमण तपस्वी मीना बहन पितलिया का साधुमार्गी जैन संघ द्वारा किया गया बहुमान

रतलाम । आचार्य श्री रामलाल जी म.सा. के आज्ञानुवर्ती शासन दिपक श्री हेमंत मुनि जी म सा के चल रहे चातुर्मास सुधर्मा सभा में श्रीमती मीना पिपलिया द्वारा 30 उपवास के पचखान ग्रहण किए गए जिसमें संघ द्वारा हर्ष हर्ष की जय जयकार के साथ उनकी अनुमोदना की गई उपरोक्त जानकारी देते हुए संघ के प्रीतेश गादिया ने बताया कि प्रवचन के पश्चात मासश्रमण तपस्वी का बहुमन संघ के अध्यक्ष कांतिलाल छाजेड़ मंत्री अशोक पिरोदिया वरिष्ठ श्रावक पूनमचंद कोठारी पूर्व अध्यक्ष मदनलाल कटारिया सुदर्शन पिरोदिया कपूर कोठारी विनोद मेहता दशरथ बाफना निर्मल मूनत अतुल बाफना सुनील कोठारी विकास छाजेड़ राजेश सियार श्रेणिक मांडोत प्रकाश कोठारी अनोखीलाल कटारिया प्रीतेश गादिया एवं महिला मंडल से किरण चंडालिया सुधा बोहरा बहु मंडल से सोनाली गोरेचा रिंकु कोठारी समता युवा संघ से अर्पित गांधी अर्पित बाफना बालक मंडल से बालक मंडल से नमन कोठारी तुषार संघवी बालिका मंडल से परी लासोड आदि द्वारा किया गया इस अवसर पर प्रवचन में श्री हेमंत मुनि जी मसा ने फरमाया कि पर्युषण के 7 दिन की साधना के होते है संवतसरी पर्व की आराधना का होता हे यह आराधना पूर्ण जब होती है जब हम मन वचन काया से क्षमा करने का भाव रखते हैं क्षमा मांगने का भाव रखते हैं अगर हमारे मन में द्वेष राग कलह ईशा जैसी चीज मन मे रह जाए तो यह पर्व हमारे लिए सार्थक नहीं होता क्षमापना का यह पर्व वीरों का पर्व है जो क्षमा मांगना जानता है वह जग को जितना जानता है इसी अवसर पर श्री ब्रह्मऋषि जी मसा ने फरमाया कि हम कितने भी बुद्धिमान हो पहलवान हो शक्तिशाली हो पर कोई प्रतियोगिता में अगर उतर रहे हैं कोई युद्ध में अगर उतर रहे हैं तो सामने वाला चाहे कमजोर हो उसको बराबरी से युद्ध का अवसर देना चाहिए करुणा का भाव हमें शक्तिशाली बना देता है इसका अर्थ है हम किसी भी क्षेत्र में कितने भी बलशाली हो परंतु करुणा और विनय हमारी धरोहर होनी चाहिए लाघव मुनीजी मसा ने चरित्र आत्माओं के जीवन का वर्णन किया सभा का संचालन समता युवा संघ अध्यक्ष अर्पित गांधी ने किया संघ अध्यक्ष कांतिलाल छाजेड़ ने समस्त संघ सदस्यों से आवाहन किया कि कल संवत्सरी का पर्व महान पर्व है कल के प्रवचन प्रतिक्रमण में उपस्थित होकर इस पर्व पर धर्म की बेला से स्वयं को अंगीकार करें।